Teachers encourage the use of NCERT Solutions for Class 7 Hindi Malhar Chapter 6 गिरिधर कविराय की कुंडलिया कविता के प्रश्न उत्तर Question Answer for better language learning.
NCERT Class 7th Hindi Chapter 6 गिरिधर कविराय की कुंडलिया Question Answer
गिरिधर कविराय की कुंडलिया Class 7 Question Answer
कक्षा 7 हिंदी पाठ 6 प्रश्न उत्तर – Class 7 Hindi गिरिधर कविराय की कुंडलिया Question Answer
पाठ से
मेरी समझ से
(क) पाठ के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर कौन-सा है ? उसके सामने तारा (★ ) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
प्रश्न 1.
“बिना बिचारे” काम करने के क्या परिणाम होते हैं?
- दूसरों से प्रशंसा मिलती है।
- मन में शांति बनी रहती है।
- अपना काम बिगड़ जाता है।
- खान-पान सम्मान मिलता है।
उत्तर:
- अपना काम बिगड़ जाता है।
प्रश्न 2.
“चित्त में चैन” न पा सकने का मुख्य कारण क्या है?
- प्रयास करने पर भी टाला न जा सकने वाला दुख
- बिना सोचे-समझे किए गए कार्य की असफलता
- खान-पान, सम्मान और राग-रंग का अभाव
- दुनिया द्वारा की जाने वाली निंदा और उपहास
उत्तर:
- बिना सोचे-समझे किए गए कार्य की असफलता (*) दुनिया द्वारा की जाने वाली निंदा और उपहास (*)
प्रश्न 3.
“बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ” पंक्ति द्वारा कौन-सी सलाह दी गई है ?
- भविष्य की सफलता के लिए अतीत की गलतियों से सीखने की
- अतीत की असफलताओं को भूलकर भविष्य पर ध्यान देने की
- अतीत और भविष्य दोनों घटनाओं को समान रूप से याद रखने की
- अतीत और भविष्य दोनों को भूलकर केवल वर्तमान में जीने की
उत्तर:
- अतीत की असफलताओं को भूलकर भविष्य पर ध्यान देने की
प्रश्न 4.
“जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ” पंक्ति का क्या अर्थ है ?
- हमें कठिनाइयों और चुनौतियों से बचना चाहिए।
- हमें आराम की तलाश करने में मन लगाना चाहिए।
- हमें असंभव और कठिन कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।
- हमें सहज जीवन पर ध्यान देना चाहिए।
उत्तर:
- हमें सहज जीवन पर ध्यान देना चाहिए।
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग- अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर:
(1) मेरे अनुसार इस प्रश्न का सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर तीसरा विकल्प है क्योंकि बिना विचार किए काम करने पर हमारा ही काम बिगड़ता है। मेरी दृष्टि में अन्य विकल्प इसके लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि बिना विचार किए काम करने से हमें न तो किसी से प्रशंसा मिलती है; न ही किसी से सम्मान प्राप्त होता है। इसके विपरीत मन अशांत रहता है।
(2) मैंने इस प्रश्न के दो विकल्पों का चयन किया है क्योंकि मुझे लगता है कि जब भी हम किसी कार्य को बिना सोचे-समझे करते हैं तो हमें उस कार्य में असफलता झेलनी पड़ती है और हमारा मन उस कार्य के परिणामों को लेकर अशांत हो जाता है। अंततः लोग भी हमारी निंदा करते है और हँसी उड़ाते हैं ।
(3) मेरे द्वारा इस प्रश्न का दूसरा विकल्प चुने जाने का कारण था कि जब तक हम अतीत की बातों, घटनाओं या असफलताओं में उलझे रहेंगे, तब तक हम आगे नहीं बढ़ पाएँगे क्योंकि पुरानी घटनाएँ, बातें आदि हमें भीतर से कचोटती रहेंगी। इसलिए हमें अतीत की असफलताओं को भुलाकर, वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए ताकि हम भविष्य को बेहतर बना सकें। इसे इस उदाहरण से समझा जा सकता है। यदि कोई बच्चा परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाता है और वह बार-बार इसी बारे में सोचता रहे, तो वह अपनी आगामी परीक्षा में अच्छा नहीं कर पाएगा। लेकिन यदि वह पुरानी बातें भुलाकर अपनी तैयारी करे तो संभव है कि वह अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो जाए।
(4) हमें सहज रूप से अपने जीवन को जीना चाहिए क्योंकि यही हमारे जीवन का मूल है। हर्ष – विषाद जैसी परिस्थितियों को हमें सहजता से स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। इसलिए मैंने इस विकल्प का चयन किया।
(विद्यार्थी अपने मित्रों के साथ चर्चा करके बताएँगे कि उनके द्वारा विकल्प चुनने के क्या कारण हैं ।)
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-
(क) “ बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय ।
काम बिगारे आपनो जग में होत हँसाय।।”
उत्तर:
जो व्यक्ति बिना सोचे-समझे कोई काम करता है, उसे बाद में पछताना पड़ता है। ऐसा व्यक्ति न केवल अपना काम बिगाड़ लेता है, बल्कि समाज के लोगों द्वारा उसका उपहास भी किया जाता है। अर्थात जब हम किसी काम को जल्दबाज़ी में, बिना सोच-विचार के करते हैं, तो उसका परिणाम अकसर नकारात्मक ही होता है। ऐसे में हमारे द्वारा किया गया काम तो बिगड़ता ही है, साथ ही समाज में बनी हमारी छवि भी खराब होती है। उदाहरण के तौर पर, जब कोई छात्र बिना सोच-विचार के परीक्षा में नकल करता है और वह पकड़ा जाता है तो उसकी बदनामी तो होती ही है, साथ में उसे परीक्षा से बाहर भी कर दिया जाता है और बाद में वह खुद पछताता है कि उसने ऐसा क्यों किया।
(ख) “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ ।
जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ ।। ”
उत्तर:
जीवन में व्यर्थ की चिंता और पछतावे से कोई लाभ नहीं होता। बीते समय को याद कर दुखी होने से बेहतर है कि हम अपने वर्तमान को सँवारने हेतु प्रयासरत रहें । अतीत को याद करके दुखी होना हमारी ऊर्जा और समय की बर्बादी है। जो कार्य सहजता से हो जाएँ, उन में ही मन लगाना चाहिए, जबरदस्ती और हठ से जीवन में उलझनें ही बढ़ती हैं; जैसे- एक क्रिकेट खिलाड़ी ने पिछला मैच बहुत खराब खेला और उसकी वजह से टीम हार गई। अगर वह खिलाड़ी अगले मैच में भी उसी हार के बारे में सोचता रहेगा, तो वह पुनः आशाजनक प्रदर्शन नहीं कर पाएगा।
मिलकर करें मिलान
• नीचे स्तंभ – 1 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं, उनसे संबंधित अर्थ वाली स्तंभ- 2 की पंक्तियों से उनका मिलान कीजिए-
उत्तर:
1. – 2
2. – 1
3. – 4
4. – 3
सोच-विचार के लिए
पाठ को एक बार पुनः पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-
(क) “ बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय । ”
कविता में बिना विचार किए कार्य करने के क्या नुकसान बताए गए हैं?
उत्तर:
कविता में बिना विचार किए कार्य करने के निम्नलिखित नुकसान बताए गए हैं-
- व्यक्ति अपना काम बिगाड़ लेता है।
- अपमान और हँसी का पात्र बनता है।
- सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचती है, इसके कारण उसका मन अशांत हो जाता है।
- जीवन की सामान्य सुख-सुविधाओं से भी उसकी अरुचि हो जाती है। उसे खाना-पीना अच्छा नहीं लगता, आनंद की चीज़े भी नहीं भातीं।
(ख) “बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय।”
कुंडलिया में जो बातें सैंकड़ों साल पहले कही गई थीं, क्या वे आपके लिए भी उपयोगी हैं? कैसे? उदाहरण देकर समझाइए |
उत्तर:
जी हाँ, इस कुंडलिया में जो बात सैंकड़ों साल पहले कही गई थीं, वे हमारे लिए आज भी महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं। हम बच्चे प्रायः भावनाओं में बहकर, जल्दबाजी में या दूसरों की नकल करके कोई ऐसा कार्य कर देते हैं जिसके कारण हमें बाद में पछताना पड़ता है। ऐसे में यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि हमें हर काम सोच-समझकर करना चाहिए ।
एक दिन मैंने अपना गृहकार्य अपने मित्र की कॉपी से देखकर पूरा किया। अध्यापिका जी को जब यह बात पता चली तो उन्होंने सभी विद्यार्थियों के सामने मुझे डाँटकर समझाया कि ऐसा करके हम आगे नहीं बढ़ सकते। कक्षा के अन्य विद्यार्थियों के सामने मुझे इसके कारण शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। मुझे लगा कि काश ! मैंने यह न किया होता ।
(ग) “खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै ॥ ”
इस पंक्ति में रेखांकित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से देखकर लिखिए। प्रत्येक के लिए एक-एक उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर:
- सन्मान – आदर-सम्मान, प्रतिष्ठा
हमें अपने बड़ों का सन्मान करना चाहिए। - मनहिं- ‘मन + ही’ का अपभ्रंश रूप है।
तरुण बहुत दुबला-पतला है क्योंकि उसे पौष्टिक आहार मनहिं नहीं भाता । - भावै – अच्छा या रुचिकार लगना
जिसके जैसे विचार, उसे वैसे ही लोग भावै ।
अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) आपने पढ़ा है कि “बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय…।” कल्पना कीजिए कि आपके एक मित्र ने बिना सोचे-समझे एक बड़ा निर्णय लिया है। वह निर्णय क्या था और उसका क्या प्रभाव पड़ा? इसके बारे में एक रोचक कहानी अपने साथियों के साथ मिलकर बनाइए और कक्षा में प्रस्तुत कीजिए ।
उत्तर:
मेरे मित्र ने बिना सोचे-समझे एक दिन यह निर्णय लिया कि वह इस बार होने वाली परीक्षा में प्रत्येक पेपर से दो-तीन दिन पहले तैयारी करके ही परीक्षा देने जाएगा । उसे यह आशा थी कि उसके लिए पेपर हर बार की तरह ही आसान होगा, इसलिए उसने परीक्षा की तैयारी समुचित तरीके से नहीं की।
जब परीक्षा हुई तो पेपर में कई ऐसे सवाल आए जिनकी तैयारी उसने ठीक से नहीं की थी। नतीजा यह हुआ कि उसके कम अंक आए और उसका आत्मविश्वास भी डगमगा गया।
विद्यार्थी अपने साथियों के साथ मिलकर इस तरह की किसी भी कहानी की कल्पना करें और उसकी प्रस्तुति कक्षा में दें।
(ख) कल्पना कीजिए कि “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ… ।” कविता निम्नलिखित के लिए लिखी गई है-
- आप
- आपका कोई सहपाठी
- आपका कोई परिजन
- आपके कोई शिक्षक
- कोई पक्षी
- कोई पशु
इनकी कौन-कौन सी समस्याएँ होंगी ? यह कविता उन्हें कैसे प्रेरित करेगी?
उत्तर:
मान लीजिए कि कविता आपके लिए लिखी गई है। एक सातवीं कक्षा के विद्यार्थी के तौर पर आपकी एक समस्या हो सकती है – हर महीने होने वाली कक्षा परीक्षा से पहले बेचैनी होना। इस कारण रात को ठीक से सो न पाना । यह कविता हमें इस तरह प्रेरित कर सकती है-
- जो भी कक्षा परीक्षाएँ पूर्व में हो चुकी हैं, उन्हें भूलकर, नए जोश से आगे बढ़ें।
- पूर्व परीक्षाओं में किसी पेपर में आए खराब अंक को बिलकुल भूल जाएँ।
- कक्षा – परीक्षा से एक दिन पूर्व 10 मिनट ध्यान करें ताकि मन को शांत किया जा सके। शांत चित्त से अच्छी नींद आएगी और दिमाग भी तरोताजा रहेगा। सुबह जल्दी उठकर संक्षिप्त अभ्यास किया जा सकता है।
(ग) कल्पना कीजिए कि आप एक ऐसे व्यक्ति से मिले हैं, जो हमेशा बीती बातों में खोया रहता है। आप उसे समझाने के लिए क्या-क्या कहेंगे?
उत्तर:
जब मैं ऐसे व्यक्ति से मिलूँगा तो मैं उन्हें समझाऊँगा कि आपके भीतर अपनी चुनौतियों से लड़ने की, अपने मन को हलका करने की और वर्तमान को अपनी मेहनत और विश्वास से सँवारने की पूरी शक्ति है। अतः आप बीती बातों को भूलकर अपने वर्तमान को अच्छा बनाने का प्रयास करें।
इसके लिए आप प्रतिदिन दो से तीन बार ध्यान की मुद्रा में रह सकते हैं क्योंकि यह तनाव को कम करके मन को शांति प्रदान करता है। जब- जब आप बीती बातों को सोचने लगें और इससे आपकी मनोदशा पर असर पड़ रहा हो तो किसी रचनात्मक कार्य में लग जाए या अपने किसी विश्वस्त मित्र के साथ सहज संवाद करके मन को हलका करें।
शब्द से जुड़े शब्द
• नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में ‘चित्त’ या ‘मन’ से जुड़े शब्द कुंडलियों में से चुनकर लिखिए-
उत्तर:
(विद्यार्थी समूह में चर्चा कर अन्य शब्द भी लिख सकते हैं।)
कविता की रचना
“बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय ।
काम बिगारे आपनो जग में होत हँसाय।। ”
“बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ ।
जो बनि आवै सहज में ताही में चित देइ ||
इन पंक्तियों को लय के साथ बोलकर देखिए। इन्हें बोलने में बराबर समय लगा या अलग? आपने ध्यान दिया होगा कि इन पंक्तियों को बोलने में बराबर समय लगता है। इस कारण इन कुंडलियों की सुंदरता बढ़ गई है।
आप ध्यान देंगे तो इन कुंडलियों में आपको ऐसी अनेक विशेषताएँ दिखाई देंगी। जैसे प्रत्येक कुंडलिया का पहला या दूसरा शब्द उसका अंतिम शब्द भी है। दो-दो पंक्तियों में बातें कही गई हैं। कुंडलिया पढ़ते हुए ऐसा लगता है मानो कोई हमसे संवाद या बातचीत कर रहा है आदि। कुछ विशेषताएँ आपको दोनों कुंडलियों में दिखाई देंगी, कुछ विशेषताएँ दोनों में से किसी एक में दिखाई देंगी।
(क) अब आप पाठ में दी गई दोनों कुंडलियों को ध्यान से देखिए और अपने – अपने समूह में मिलकर इनकी विशेषताओं की सूची बनाइए। अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।
उत्तर:
जो विशेषताएँ दोनों कुंडलियों में हैं | जो विशेषताएँ किसी एक कुंडलिया में हैं |
1. मानव व्यवहार पर शिक्षा | पहली कुंडलिया – • कार्य करने से पहले सोचने की ज़रूरत । • गलती हो चुकी है और अब दुख है। |
2. संदेश और उपदेशपरक भाव | • अतीत को छोड़कर भविष्य पर ध्यान देना। |
(ख) नीचे एक स्तंभ में कविता की पंक्तियों की कुछ विशेषताएँ दी गई हैं और उनसे संबंधित पंक्तियाँ दूसरे स्तंभ में दी गई हैं। कविता की विशेषताओं का सही पंक्तियों से मिलान कीजिए-
उत्तर:
(संकेत- आप कविता की पंक्तियों में कुछ और विशेषताएँ भी खोज सकते हैं।)
उत्तर:
1. – 2
2. – 1
3. – 4
4. – 3
काल से जुड़े शब्द
“बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ ।”
इस वाक्य में ‘बीती’ शब्द अतीत यानी ‘भूतकाल’ के कार्यों को व्यक्त कर रहा है और ‘आगे’ शब्द ‘भविष्य’ के कार्यों को व्यक्त कर रहा है। इसी प्रकार ‘वर्तमान’ समय में होने वाले कार्यों को ‘आज’ जैसे शब्दों से व्यक्त किया जा सकता है। रोचक बात यह है कि अनेक शब्दों का प्रयोग बीते हुए समय, आने वाले समय और वर्तमान समय को बताने वाले, तीनों प्रकार के वाक्यों में किया जा सकता है।
(क) नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं। इनका प्रयोग करते हुए तीनों प्रकार के ‘काल’ व्यक्त करने वाले तीन-तीन वाक्य बनाइए-
उत्तर:
भूतकाल –
- कल हम पिकनिक पर गए थे।
- परसों हमने एक फ़िल्म देखी थी।
- पिछला सप्ताह बहुत व्यस्त रहा।
वर्तमान काल-
- मैं अभी-अभी विद्यालय से आया हूँ।
- प्रतीक हमेशा समय पर आता है।
- आजकल मौसम सुहावना हो रहा है।
भविष्य काल –
- परसों हमारे घर कुछ मेहमान आएँगे ।
- आगामी सप्ताह में हमारी परीक्षाएँ होंगी।
- मैं जल्दी ही तुम्हारे घर आऊँगा ।
(ख) आपने जो वाक्य बनाए हैं, उन्हें ध्यान से देखिए । पहचानिए कि इन वाक्यों में किन शब्दों से पता चल रहा है कि वाक्य में कार्य भूतकाल में हुआ, वर्तमान काल में हुआ है या भविष्य काल में होगा? वाक्यों में उन शब्दों को रेखांकित कीजिए ।
उत्तर:
भूतकाल –
- कल हम पिकनिक पर गए थे।
- परसों हमने एक फ़िल्म देखी थी।
- पिछला सप्ताह बहुत व्यस्त रहा।
वर्तमान काल-
- मैं अभी-अभी विद्यालय से आया हूँ।
- प्रतीक हमेशा समय पर आता है।
- आजकल मौसम सुहावना हो रहा है।
भविष्य काल –
- परसों हमारे घर कुछ मेहमान आएँगे ।
- आगामी सप्ताह में हमारी परीक्षाएँ होंगी।
- मैं जल्दी ही तुम्हारे घर आऊँगा ।
पाठ से आगे
आपकी बात
(क) “खटकत है जिय माहिं कियो जो बिना बिचारे ॥” का अर्थ है ‘बिना सोचे किए गए कार्य मन में चुभते रहते हैं।’ क्या आपने कभी ऐसा अनुभव किया है? उस घटना को साझा कीजिए ।
उत्तर:
एक बार मैं अपने एक दोस्त से नाराज़ हो गया और गुस्से में आकर उसे कुछ कठोर शब्द कह दिए। तब मेरे मन में कोई विचार नहीं था, बस आवेश में प्रतिक्रिया दे दी। लेकिन जैसे ही बात खत्म हुई, मेरे मन में एक अजीब-सी कसक थी कि काश ! मैं ऐसा न कहता। उसकी तो मेरे प्रति कोई बुरी मंशा नहीं थी । उत्तेजना में अपने दोस्त के लिए कहे गए कठोर शब्द मेरे मन में खटकते रहते हैं।
तब यह पंक्ति सच्ची लगती है-
‘खटकत है जिय माहिं कियो जो बिना बिचारे ।। ”
(ख) “बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुधि लेइ । ” का अर्थ है ‘अतीत को भूलना और भविष्य पर ध्यान देना चाहिए।’ क्या आप इस बात से सहमत हैं? क्यों ? उदाहरण देकर समझाइए |
उत्तर:
हाँ, मैं इस बात से सहमत हूँ कि अतीत को भूलना और भविष्य पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि जब तक हम बीती बातों से बाहर नहीं निकलेंगे, तब तक हम अपने भीतर न तो सुधार कर पाएँगे, न ही आगे बढ़ पाएँगे। इस बात को इस उदाहरण से समझा जा सकता है-
एक दुकानदार ने अपने व्यापार में कुछ गलत निवेश कर दिया और उसे नुकसान हो गया। अब अगर वह हर समय यही सोचता रहे, कि “मैंने ऐसा क्यों किया? अब क्या होगा?” तो वह चिंता में अपना और भी नुकसान कर लेगा तथा उसका व्यापार डूब जाएगा ।
इसके विपरीत यदि वह इस घटना से सीख लेकर नई रणनीति बनाए, नए तरीके से सोचे, तो वह अपने व्यापार को फिर से खड़ा कर सकता है।
(ग) पाठ में दी गई दोनों कुंडलियों के आधार पर आप अपने जीवन में कौन-कौन से बदलाव लाना चाहेंगे?
उत्तर:
इन कुंडलियों के आधार पर मैं अपने जीवन में निम्नलिखित बदलाव लाना चाहूँगा/चाहूँगी-
- हर काम सोच-समझकर करना-
- कोई भी निर्णय जल्दबाजी में न लेना ।
- बोलने से पहले सोचना ताकि किसी को ठेस न पहुँचे।
- पुरानी गलतियों में न उलझना-
- जो बीत गया, उस पर दुखी न होकर उससे सीख लेना।
- आत्मग्लानि छोड़कर, भविष्य सुधारने में लगना तथा बीती बातों को बार-बार मन में न दोहराना ।
- सहजता को अपनाना-
- जो जीवन में सरलता से उपलब्ध हो, उसी में संतोष पाना।
- कृत्रिम या बनावटी जीवन की बजाय स्वाभाविक जीवन जीना ।
- अपनी क्षमता के अनुसार प्रयास करना और ईश्वर पर विश्वास रखना।
- जीवन को सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण से देखना-
- हर दिन को नया अवसर मानकर जीना ।
- बीती बातों से डरकर नहीं बल्कि निडर होकर आगे बढ़ना।
(घ) “खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै।। ”
इस पंक्ति में खान-पान, सम्मान और राग-रंग अच्छा न लगने की बात की गई है। आप इसमें से किसे सबसे आवश्यक मानते हैं? अपने उत्तर के कारण भी बताइए ।
उत्तर:
“खान पान सन्मान राग रंग मनहिं न भावै ॥
का भाव यह है कि जब मन में पछतावा, चिंता या दुख होता है, तो व्यक्ति को न भोजन अच्छा लगता है, न सम्मान और न ही किसी प्रकार का कोई आनंद।
मैं मानता हूँ कि ‘सन्मान’ (सम्मान) इन सबमें अति आवश्यक है। इसके कारण निम्नलिखित है-
- सम्मान आत्मसम्मान से जुड़ा है- सम्मान केवल दूसरों से मिलने वाला आदर नहीं, बल्कि अपने आत्मसम्मान से भी जुड़ा होता है।
यदि व्यक्ति को समाज में या अपने मन में खुद के प्रति सम्मान न हो, तो वह किसी भी सुख का आनंद नहीं ले सकता। - सम्मान मिलने से आत्मविश्वास बढ़ता है- सम्मान हमें यह एहसास कराता है कि हम मूल्यवान हैं और इससे हमारी सोच सकारात्मक बनती है। जब सम्मान मिलता है, तब खान-पान और राग-रंग भी आनंददायक लगते हैं।
- सम्मान खोने पर बाकी चीजें फीकी लगती हैं- यदि किसी व्यक्ति को लोग तिरस्कार की दृष्टि से देखें या उसकी इज्जत न हो, तो चाहे उसके पास स्वादिष्ट भोजन हो या सुख-सुविधाएँ, उसका मन दुखी ही रहेगा।
हँसी
“जग में होत हँसाय ”
(क) कभी-कभी लोग दूसरों की गलतियों पर ही नहीं, उनके किसी भी कार्य पर हँस देते हैं। अपने समूह के साथ मिलकर ऐसी कुछ स्थितियों की सूची बनाइए, जब किसी को आप पर या आपको किसी पर हँसी आई हो ।
उत्तर:
ऐसी स्थितियाँ जब लोग मुझ पर हँसे –
- मेरे द्वारा गलत शब्द का उच्चारण करने पर ; जैसे- ‘संदेश’ शब्द को ‘शंदेस’ कहना ।
- किसी प्रश्न का गलत उत्तर देने पर ।
- ‘स्पोर्ट्स डे’ पर रेस लगाने के दौरान गिरने पर ।
- मैं बैठने ही वाला था कि कुरसी मेरे पैर से लगकर खिसक गई और मैं गिर गया।
ऐसी स्थितियाँ जब मुझे किसी पर हँसी आई-
- किसी ने ‘पढ़ाई’ को ‘ पड़ाई’ कह दिया था।
- स्पीच देते समय जब एक विद्यार्थी घबरा गया था।
- जब एक दोस्त स्कूल में लेट आने पर लड़कियों की लाइन में लग गया।
(ख) ऐसी दोनों स्थितियों में आपको कैसा लगता है और दूसरों को कैसा लगता होगा ?
उत्तर:
जब लोग मुझ पर हँसते हैं तो मैं थोड़ा गुस्सा होता हूँ। कभी शर्मिंदगी भी लगती है, कभी मैं झेप जाता हूँ और कभी खुद पर हँसी भी आती है।
ऐसी स्थिति में दूसरों को भी बुरा लगता होगा, वे भी शर्मिंदगी महसूस करते होंगे या झेंप जाते होंगे।
(ग) सोचिए कि कोई व्यक्ति आपकी किसी भूल पर हँस रहा है। ऐसे में आप क्या कहेंगे या क्या करेंगे ताकि उसे एहसास हो जाए कि इस बात पर हँसना ठीक नहीं है?
उत्तर:
मैं उस व्यक्ति से विनम्रता के साथ कहूँगा कि गलती सबसे होती है, उस पर हँसने से किसी की भावनाओं को ठेस पहुँच सकती है। अगर यही भूल आपसे होती और सब हँसते तो आपको कैसा लगता? शायद मैं अपेक्षा करूँगा कि मेरी इन बातों से उस व्यक्ति को अपनी गलती का अवश्य एहसास हुआ होगा।
सोच-समझकर
“ बिना बिचारे जो करै सो पाछे पछिताय । ”
(क) आज के समय में कुछ लोग जल्दी में कार्य कर देते हैं या जल्दी में निर्णय ले लेते हैं। कुछ ऐसी स्थितियाँ बताइए जहाँ जल्दबाजी में निर्णय लेना या कार्य करना हानिकारक हो सकता है।
उत्तर:
यहाँ कुछ ऐसी स्थितियाँ दी गई हैं, जहाँ जल्दबाजी में निर्णय लेना या कार्य करना हानिकारक हो सकता है-
- चिकित्सा निर्णय- जल्दबाजी में बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना या इलाज शुरू कर देना गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। गलत दवा या समय पर इलाज न होना जानलेवा भी हो सकता है।
- नौकरी बदलना या करियर संबंधी निर्णय- बिना भविष्य की संभावनाओं को समझे या विकल्पों की तुलना किए नौकरी छोड़ना या नया करियर चुनना भविष्य में पछतावे का कारण बन सकता है।
- ड्राइविंग करते समय – जल्दबाजी में गाड़ी चलाना दुर्घटनाओं को जन्म दे सकता है। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करके जल्दी पहुँचने की कोशिश कई बार जानलेवा साबित होती है।
- परीक्षा में उत्तर लिखना – बिना प्रश्न को पूरी तरह पढ़े और समझे उत्तर लिख देना गलत उत्तर का कारण बन सकता है। परीक्षा में सफलता के लिए समझदारी ज़रूरी है।
- किसी पर जल्दी भरोसा करना- किसी को ठीक से जाने बिना उस पर पूरी तरह भरोसा करना धोखे का कारण बन सकता है, चाहे वह व्यक्तिगत संबंध हों या व्यावसायिक ।
(ख) मान लीजिए कि आपको या आपके किसी परिजन को नीचे दिए गए संदेश मिलते हैं। ऐसे में आप क्या करेंगे?
*राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल – https://ift.tt/xQvMPrE
उत्तर:
विद्यार्थी दिए गए संदेशों को पढ़ें तथा उन पर की जाने वाली प्रक्रिया को जानें एवं अपने परिजनों से साझा करें।
(ग) नीचे कुछ स्थितियाँ दी गई हैं। इन स्थितियों में बिना सोचे-समझे कार्य करने या निर्णय लेने के क्या परिणाम हो सकते हैं-
- सोशल मीडिया पर झूठा संदेश या असत्य समाचार पर भरोसा करके उसे सबको भेज दिया।
- जल्दबाजी में बिना हेलमेट के बाइक चलाने पर पुलिस ने चालान काट दिया।
- बिना माता- पिता से पूछे ऑनलाइन गेम पर पैसे खर्च कर दिए।
उत्तर:
सोशल मीडिया पर झूठा संदेश या असत्य समाचार पर भरोसा करके उसे सबको भेज दिया-
बिना सोचे-समझे कार्य करने या निर्णय लेने से कई बार गंभीर परिणाम हो सकते हैं, खासकर जब बात प्रभावशाली सोशल मीडिया की हो; जैसे-
- गलत सूचना फैल सकती है- असत्य समाचार या अफवाह लोगों में भ्रम फैला सकता है। कई लोग उस झूठ को सच मानकर घबरा सकते हैं या गलत कदम उठा सकते हैं।
- किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है- अगर संदेश किसी व्यक्ति या समुदाय के बारे में हो, तो उसकी छवि खराब हो सकती है। यह मानसिक आघात और सामाजिक बहिष्कार तक पहुँचा सकता है।
- कानूनी कार्रवाई हो सकती है – झूठी खबर फैलाना कई बार साइबर क्राइम के अंतर्गत अपराध माना जाता है। दोषी पाए जाने पर दंड या जुर्माना भी हो सकता है।
- विश्वास खो सकता है- जब लोग जानेंगे कि आपने बिना जाँचे संदेश भेजा, तो वे आप पर विश्वास करना बंद कर देंगे।
- स्वयं को भी मानसिक तनाव हो सकता है-
बाद में पछतावा होता है कि बिना सोचे-समझे ऐसी हरकत क्यों की। कई बार डर या शर्मिंदगी के कारण आत्मविश्वास भी कम हो जाता है।
(विद्यार्थी अन्य दो स्थितियों को पढ़कर, सोच-समझकर उनके परिणामों के बारे में स्वयं बताएँ।)
आज की पहेली
“खान पान सन्मान
इस पंक्ति के तीनों शब्दों में केवल एक मात्रा का बार-बार उपयोग किया गया है। (आ की मात्रा)
ऐसे ही दो वाक्य नीचे दिए गए हैं जिसमें केवल एक मात्रा का उपयोग किया गया है-
नीली नदी धीमी थी।
चींटी चीनी जीम गई।
• अब आप इसी प्रकार के वाक्य अलग-अलग मात्राओं के लिए बनाइए । ध्यान रहे, आपके वाक्यों का कोई न कोई अर्थ होना चाहिए। आप एक वाक्य में केवल एक मात्रा को बार-बार या बिना मात्रा वाले शब्दों का ही उपयोग कर सकते हैं।
उत्तर:
खोजबीन के लिए
आपने इस पाठ में गिरिधर कविराय की कुंडलिया ‘बिना विचारे जो करै…. । ‘ को पढ़ा। अब आप नीचे दी गई इंटरनेट कड़ी का प्रयोग करके एक अन्य कहानी ‘बिना विचारे करो न काम’ सुन सकते हैं-
बिना विचारे
(विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या – 82 पर दिए गए लिंक द्वारा निर्देशित कहानी स्वयं पढ़ें।)
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर (Old Syllabus)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
पाठ से
प्रश्न 1.
रक्त के बहाव को रोकने के लिए क्या करना चाहिए।
उत्तर-
रक्त के बहाव को रोकने के लिए उस स्थान पर कसकर एक साफ़ कपड़ा बाँध देना चाहिए। ताकि दबाव पड़ने से रक्त का बहना कम हो जाता है। फिर घायल व्यक्ति को जल्द ही डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
प्रश्न 2.
खून को ‘भानुमती का पिटारा’ क्यों कहा जाता है? [Imp.]
उत्तर
‘ भानुमती का पिटारा’ यह एक ऐसी लोकोक्ति है जिसका अर्थ है एक पिटारे में भाँति-भाँति की वस्तुएँ। खून को भानुमती का पिटारा कहा गया है क्योंकि यदि सूक्ष्मदर्शी से खून की एक बूंद को जाँचा जाए तो उसमें लाखों की संख्या में लाल रक्त-कण मौजूद होते हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। इसके अलावा सफ़ेद कण व प्लेटलैट कण भी उसमें पाए जाते हैं।
प्रश्न 3.
एनीमिया से बचने के लिए क्या-क्या खाना चाहिए?
उत्तर-
एनीमिया से बचने के लिए हमें पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए। मसलन हरी सब्जी, फल, दूध, अंडा और मांस का प्रयोग करना चाहिए। इनमें प्रोटीन, लौह तत्व और विटामिन काफ़ी मात्रा में मिलते हैं। ये रक्त के निर्माण में सहायक होते हैं, जिससे एनीमिया रोग होने का खतरा टल जाता है।
प्रश्न 4.
पेट में कीड़े क्यों हो जाते हैं? इनसे कैसे बचा जा सकता है।
उत्तर-
पेट में कीड़े दूषित जल और खाद्य पदार्थों द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं। अतः इनसे बचने के लिए खाद्य पदार्थ ग्रहण करना चाहिए। साफ़ जल पीना चाहिए और भोजन करने से पहले हाथ अच्छी तरह धोना चाहिए। इसके अलावे नंगे पैर हमें नहीं घूमना चाहिए, क्योंकि कुछ कीड़े ऐसे हैं, जिनके अंडों से उत्पन्न लार्वा त्वचा के रास्ते शरीर में प्रवेश कर आँतों में पहुँच जाते हैं। इनसे बचने के लिए जरूरी है कि शौचालय का प्रयोग किया जाए और नंगे पाँव नहीं घूमे।।
प्रश्न 5.
रक्त के सफ़ेद कणों को ‘वीर सिपाही’ क्यों कहा गया है?
उत्तर-
रक्त के सफ़ेद कणों को वीर सिपाही इसलिए कहा गया है, क्योंकि ये हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। ये रोग के कीटाणुओं को शरीर में घुसने नहीं देते उनसे डटकर मुकाबला करते हैं।
प्रश्न 6.
ब्लड-बैंक में रक्तदान से क्या लाभ है?
उत्तर-
ब्लड-बैंक में दान दिए गए रक्त को सुरक्षित रूप में रखा जाता है। किसी भी व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता पड़े तो उसके लिए किसी भी रक्त समूह को रक्त वहाँ से लिया जा सकता है। इस प्रकार आपातकालीन स्थिति में जरूरतमंद व्यक्ति की जान बचाने में ब्लड-बैंक में किया हुआ रक्तदान काम आता है।
प्रश्न 7.
साँस लेने पर शुद्ध वायु से जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में कौन पहुँचाता है
सफ़ेद कण साँस नली |
लाल कण फेफड़े |
उत्तर-
साँस लेने पर शुद्ध वायु से ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में लाल रक्त कण पहुँचाता है।
पाठ से आगे
प्रश्न 1.
रक्त में हीमोग्लोबिन के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है
जस्ता लोहा |
शीशी प्लैटिनम |
उत्तर-
लोहा।
प्रश्न 2.
बिंबाणु (प्लेटलैट कण) की कमी किस बीमारी में पाई जाती है
टायफ्रायड डेंगू |
मलेरिया फ़ाइलेरिया |
उत्तर-
डेंगू।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
(क) चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं
इस वाक्य को ध्यान से पढ़िए। इस वाक्य में ‘होते-होते’ के प्रयोग से यह बताया गया है कि चार महीने से पूर्व ही ये नष्ट हो जाते हैं। इस तरह के पाँच वाक्य बनाइए जिनमें इन शब्दों का प्रयोग हो
बनते-बनते, पहुँचते-पहुँचते, लेते-लेते, करते-करते |
उत्तर-
- बनते-बनते–मेरा काम बनते-बनते बिगड़ गया।
- पहुँचते पहुँचते–स्टेशन पहुँचते पहुँचते ट्रेन खुल गई ।
- लेते-लेते-मैं कार लेते-लेते रह गया।
- करते-करते-वह होम वर्क करते-करते थक गया।
(ख) इन वाक्यों को पढ़िए
सड़क के किनारे-किनारे पेड़ लगे हैं। आज दूर-दूर तक वर्षा होगी। |
- इन वाक्यों में होते-होते’ की तरह ‘किनारे-किनारे’ और ‘दूर-दूर’ शब्द दोहराए गए हैं। पर हर वाक्य में अर्थ भिन्न है। किनारे-किनारे का अर्थ है-किनारे से लगा हुआ और दूर-दूर का-बहुत दूर तक।
- आप भी निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए और उनके अर्थ लिखिएठीक-
ठीक, घड़ी-घड़ी, कहीं-कहीं, घर-घर, क्या-क्या |
उत्तर-
- ठीक-ठीक (एकदम सही)-वह ठीक-ठीक काब कर लेता है।
- घड़ी-घड़ी (हर पल)-वह घड़ी-घड़ी रुपये माँगता रहता है।
- कहीं-कहीं (कुछ जगहों पर)-रास्ते में कहीं-कहीं पेड़ नज़र आ रहे थे।
- घर-घर (हर घर में)-घर-घर में राम की सफलता की चर्चा हो रही है।
- क्या-क्या (कौन सी)-आज तुमने बाजार से कौन-कौन-सा फल लाया।
प्रश्न 2.
इस पाठ में दिए गए मुहावरों और कहावतों को पढ़िए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए
भानुमती का पिटारा, दस्तक देना, धावा बोलना, घर करना, पीठ ठोकना ।
उत्तर-
भानुमती का पिटारा – भाँति-भाँति की वस्तुएँ-जादूगर की झोली तो मानो भानुमती का पिटारा हो।
दस्तक देना – खटखटाना-रात को जब किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी तो मैं घबरा गई।
धावा बोलना – आक्रमण करना- यदि पाकिस्तान ने जरा भी सर उठाया तो भारत उस पर धावा बोलने से चूकेगा नहीं।
घर करना – अपना स्थान बनाना-रोगाणु धीरे-धीरे मनुष्य के शरीर में घर करने लगते हैं।
पीठ ठोकना – शाबाशी देना-कक्षा में प्रथम आने पर पिताजी ने मेरी पीठ ठोकी।
कुछ करने को
प्रश्न 1.
अपने परिवार के अट्ठारह वर्ष से पचास वर्ष तक की आयु वाले सभी स्वस्थ सदस्यों को रक्तदान के लिए प्रेरित कीजिए और समय आने पर स्वयं भी रक्तदान करने का संकल्प लीजिए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.
शरीर-रचना का चित्र देखकर उसमें रक्त-संचार क्रिया को ठीक-ठीक समझिए।
उत्तर
परीक्षोपयोगी नहीं है।
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए प्रश्नों के बारे में जानकारी एकत्र कीजिए
(क) ब्लू बेबी क्या है?
(ख) रक्त के जमाव की क्रिया में बिंबाणु (प्लेटलैट) का कार्य क्या है?
(ग) रक्तदान के लिए कम-से-कम कितनी उम्र होनी चाहिए?
(घ) कितने समय के बाद दोबारा रक्तदान किया जा सकता है?
(ङ) क्या स्त्री का रक्त पुरुष को चढ़ाया जा सकता है?
उत्तर-
(क) नवजात शिशु का अगर हृदय कमज़ोर हो तो उसे पर्याप्त रूप में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। धीरे-धीरे उसका शरीर पीला होने लगता है क्योंकि ऑक्सीजन की कमी से खून सही रूप से पूरे शरीर में प्रवाहित नहीं करता।
(ख) रक्त जमाव की क्रिया में बिंबाणु की प्रमुख भूमिका होती है। जब कोई चोट लग जाए या शरीर के किसी अंग में जख्म हो जाए तो रक्त के तरलभाग प्लाज्मा में एक विशेष किस्म की प्रोटीन, होती है जो रक्तवाहिका की कटी-फटी दीवार में जाला बुन देती है। बिंबाणु इस जाले से चिपक जाते हैं और इस तरह दीवार में आई दरार भर जाती है, जिससे रक्त का बहना बंद हो जाता है।
(ग) रक्तदान के लिए कम से कम आयु सीमा अट्ठारह वर्ष होनी चाहिए।
(घ) छह महीने बाद दोबारा रक्तदान किया जा सकता है।
(ङ) हाँ, स्त्री का रक्त पुरुष को चढ़ाया जा सकता है।
प्रश्न 4.
शरीर के किसी अंग में अचानक रक्त-संचार रुक जाने से क्या-क्या परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं?
उत्तर-
शरीर के किसी अंग में अचानक रक्त-संचार बंद हो जाए तो मनुष्य का वह अंग सही रूप से काम करना बंद कर देता है। कई बार इतनी गंभीर समस्या पैदा हो जाती है कि जिस स्थान में रक्त संचार नहीं होता वहाँ के रुके हुए खून में जहर फैल जाता है और उस अंग को काटने तक की नौबत भी आ जाती है।
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) इस पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) भवानीप्रसाद मिश्र
(ii) भगवतीप्रसाद मिश्र
(iii) भगवतीप्रसाद वाजपेयी
(iv) यतीश अग्रवाल
(ख) दिव्या को क्या महसूस होता है?
(i) भूख में कमी
(ii) याददाशत की कमी
(iii) थकान
(iv) बेचैनी
(ग) दिव्या अनिल के साथ अस्पताल क्यों गई?
(i) भूख न लगने से
(ii) थकान महसूस होने से
(iii) काम में मन न लगने से
(iv) उपर्युक्त सभी
(घ) दिव्या के शरीर के किस अंग से रक्त लिया गया?
(i) बाजू से
(ii) उँगली से
(iii) पैर से
(iv) हथेली से
(ङ) एनीमिया क्या है?
(i) आँखों की बीमारी
(ii) पेट की बीमारी
(iii) रक्त की कमी से होने वाली बीमारी
(iv) रक्त की अधिकता से होने वाली बीमारी
(च) पेट में पाए जाने वाले कीड़े किस बीमारी का कारण बनते हैं?
(i) दमा
(ii) क्षयरोग
(iii) रतौंधी
(iv) एनीमिया
(छ) डॉक्टर स्लाइड की जाँच किस यंत्र द्वारा कर रही थी?
(i) दूरदर्शी द्वारा
(ii) सूक्ष्मदर्शी द्वारा
(iii) दूरबीन द्वारा
(iv) उपर्युक्त सभी
(ज) लाल कणों का जीवन काल कितना होता है?
(i) दो महीने
(ii) चार महीने
(iii) छह महीने
(iv) एक साल
उत्तर
(क) (iv)
(ख) (iii)
(ग) (ii)
(घ) (ii)
(ङ) (iii)
(च) (iv)
(छ) (ii)
(ज) (ii)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(क) दिव्या कौन है?
उत्तर-
दिव्या अनिल की छोटी बहन है।
(ख) डॉक्टर ने दिव्या की जाँच करके क्या कहा?
उत्तर-
डॉक्टर ने दिव्या की जाँच करके कहा कि लगता है इसके शरीर में खून की कमी हो गई है।
(ग) दिव्या किस रोग से ग्रस्त थी?
उत्तर-
दिव्या एनीमिया रोग से ग्रस्त थी।
(घ) एनीमिया क्यों होता है?
उत्तर-
रक्त में लाल कणों की कमी से होता है।
(ङ) बिंबाणु (प्लेटलैट) कहाँ तैरते रहते हैं?
उत्तर-
बिंबाणु प्लाज्मा में तैरते हैं।
(च) लाल कण बनावट में कैसे होते हैं?
उत्तर-
लाल कण बनावट में बालूशाही की तरह होते हैं।
(छ) लाल कणों का जीवन काल कितना होता है?
उत्तर-
लाल कणों का जीवनकाल चार महीने का होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) अनिल दिव्या को अस्पताल क्यों ले गया?
उत्तर-
दिव्या दिन-प्रतिदिन कमजोर होती चली जा रही थी। उसे हर समय थकान महसूस हो रहा था। किसी काम में मन नहीं लगता था। भूख भी पहले से कम हो गई थी। अतः अनिल उसे डॉक्टर को दिखाने के लिए अस्पताल ले गया था।
(ख) रक्त में कितने प्रकार के कण होते हैं? वे क्या करते हैं?
उत्तर-
मौटे तौर पर रक्त में तीन प्रकार के कण होते हैं। सफ़ेद रक्त-कण, लाल रक्त-कण, व बिंबाणु
- लाल रक्त कण-लाल रक्त कण के कारण खून का रंग लाल दिखाई देता है। ये रक्त कण दिन-रात शरीर के लिए | काम करते रहते हैं। साँस लेने पर साफ़ हवा से जो ऑक्सीजन शरीर में जाती है ये कण ही उसे पूरे शरीर में फैलाते
- सफ़ेद रक्त कण-ये कण हमारे शरीर को रोगमुक्त रखते हैं और शरीर में रोगाणुओं को प्रवेश नहीं करने देते व बहुत-सी बीमारियों से हमारी रक्षा करते हैं।
- बिंबाणु ( प्लेटलैट कण)-ये कण शरीर के किसी भी भाग में चोट लगने पर रक्त जमाव का कार्य करते हैं।
(ग) टाँके कब लगाए जाते हैं? क्यों?
उत्तर-
जब चोट का घाव गहरा होता है तब टाँके लगाए जाते हैं, इससे खून का बहना रुक जाता है।
(घ) सूक्ष्मदर्शी यंत्र क्या होता है?
उत्तर-
सूक्ष्मदर्शी एक प्रकार का यंत्र है, जिससे छोटी से छोटी चीजें भी बड़े आकार में दिखाई देती हैं।
(ङ) रक्तकणों का निर्माण कहाँ होता है?
उत्तर-
रक्त कणों का निर्माण हड्डियों के बीच के भाग मज्जा में होता है। मज्जा में ऐसे बहुत से कारखाने होते हैं जो रक्त कणों के निर्माण कार्य में लगे रहते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(क) रक्त के विभिन्न कण-शरीर में क्या-क्या भूमिका अदा करते हैं? विस्तारपूर्वक लिखिए।
उत्तर-
हमारे शरीर के लिए रक्त का अत्यधिक महत्त्व है। इसमें छोटे-बड़े कई तरह के कण होते हैं। मसलन कुछ लाल, कुछ सफ़ेद तो कुछ ऐसे हैं जिनका कोई रंग नहीं होता। इन्हीं कारणों से रक्त कण बिंबाणु कहलाते हैं। रक्त की एक बूंद में लाल रक्त कण लाखों की संख्या में विराजमान होते हैं। इसी कारण रक्त हमें लाल रंग दिखाई देता है। ये रक्त कण हमारे स्वास्थ्य के लिए अलग-अलग कार्य करते हैं। इसके ये कण साँसों द्वारा लिए गए ऑक्सीजन को शरीर के अलग-अलग भागों तक पहुँचाने का काम करते हैं। रक्त में सफ़ेद कण का भी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ये कण रोगाणुओं से हमारे शरीर को रक्षा करते हैं। बिबाणु चोट लगने पर रक्त जमाव क्रिया में मदद करते हैं। रक्त के तरल भाग प्लाज्मा में स्थित विशेष तरह का प्रोटीन रक्तवाहिका की कटी-फटी दीवार में जाला बुन देती है। जीवाणु इस जाले से चिपक जाते हैं, जिससे दीवार में आई दरार भर जाती है और खून का बहना रुक जाता है।
मूल्यपूरक प्रश्न
(क) स्वस्थ रहने के लिए हमें क्या-क्या उपाय करना चाहिए?
उत्तर-
स्वस्थ रहने के लिए हमें नियमित रूप से व्यायाम; प्राणायाम और प्रात:काल सैर करना चाहिए। पौष्टिक एवं संतुलित आहार ग्रहण करना चाहिए। खाना खाने से पहले अच्छी तरह से हाथ धो लेना चाहिए। शौच जाने के लिए शौचालय का ही प्रयोग करना चाहिए।
(ख) संतुलित आहार में हमें किन-किन चीजों का प्रयोग करना चाहिए, एक चार्ट तैयार करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।
The post Class 7 Hindi Chapter 6 Question Answer गिरिधर कविराय की कुंडलिया appeared first on Learn CBSE.
📚 NCsolve - Your Global Education Partner 🌍
Empowering Students with AI-Driven Learning Solutions
Welcome to NCsolve — your trusted educational platform designed to support students worldwide. Whether you're preparing for Class 10, Class 11, or Class 12, NCsolve offers a wide range of learning resources powered by AI Education.
Our platform is committed to providing detailed solutions, effective study techniques, and reliable content to help you achieve academic success. With our AI-driven tools, you can now access personalized study guides, practice tests, and interactive learning experiences from anywhere in the world.
🔎 Why Choose NCsolve?
At NCsolve, we believe in smart learning. Our platform offers:
- ✅ AI-powered solutions for faster and accurate learning.
- ✅ Step-by-step NCERT Solutions for all subjects.
- ✅ Access to Sample Papers and Previous Year Questions.
- ✅ Detailed explanations to strengthen your concepts.
- ✅ Regular updates on exams, syllabus changes, and study tips.
- ✅ Support for students worldwide with multi-language content.
🌐 Explore Our Websites:
🔹 ncsolve.blogspot.com
🔹 ncsolve-global.blogspot.com
🔹 edu-ai.blogspot.com
📲 Connect With Us:
👍 Facebook: NCsolve
📧 Email: ncsolve@yopmail.com
😇 WHAT'S YOUR DOUBT DEAR ☕️
🌎 YOU'RE BEST 🏆