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श्रीनिवास रामानुजन – भारत के महान गणितज्ञ

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यह रहा श्रीनिवास रामानुजन के जीवन पर एक प्रभावशाली भाषण (Speech) — जिसे आप स्कूल, कॉलेज या किसी मंच पर आसानी से प्रस्तुत कर सकते हैं:

🎤 भाषण विषय: "श्रीनिवास रामानुजन – भारत के महान गणितज्ञ"

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय / मैडम, मान्यवर शिक्षकगण, एवं मेरे प्रिय साथियों,

सुप्रभात!
आज मैं आप सबके समक्ष भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन पर कुछ शब्द प्रस्तुत करने जा रहा हूँ।

जब भी हम गणित की बात करते हैं, तो कुछ लोगों को डर लगता है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिनके लिए गणित ईश्वर की भाषा होती है। ऐसे ही एक अद्भुत प्रतिभाशाली व्यक्ति थे — श्रीनिवास रामानुजन।

रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के एक साधारण ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन से ही उनकी बुद्धि तीव्र और रुचि गणित में थी। उन्होंने छोटी उम्र में ही त्रिकोणमिति और अल्जेब्रा जैसे कठिन विषयों में महारत हासिल कर ली थी।

लेकिन दोस्तों, उनकी सफलता की कहानी इतनी आसान नहीं थी। पढ़ाई में वे सिर्फ गणित में अच्छे थे, बाकी विषयों में कमजोर रहने के कारण उनकी औपचारिक शिक्षा पूरी नहीं हो सकी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

उन्होंने अपने खोजे हुए गणितीय सूत्रों को एक पत्र के माध्यम से इंग्लैंड के प्रसिद्ध गणितज्ञ जी. एच. हार्डी को भेजा। हार्डी उनकी प्रतिभा से बहुत प्रभावित हुए और रामानुजन को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय बुलाया।

वहाँ उन्होंने ऐसे गणितीय सिद्धांत और सूत्र बनाए जो आज भी वैज्ञानिकों और गणितज्ञों के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने π (पाई) की गणना, अनन्त श्रेणियाँ, संख्या सिद्धांत और डिविज़न फंक्शन्स जैसे क्षेत्रों में अमूल्य योगदान दिया।

लेकिन अफ़सोस, कमजोर स्वास्थ्य के कारण केवल 32 वर्ष की उम्र में 26 अप्रैल 1920 को रामानुजन का निधन हो गया।

उनकी याद में भारत सरकार ने 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में घोषित किया है।

प्रिय साथियों,
रामानुजन हमें यह सिखाते हैं कि अगर लगन और समर्पण हो, तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती। उन्होंने साबित कर दिया कि प्रतिभा परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती।

आइए, हम सब मिलकर इस महान गणितज्ञ से प्रेरणा लें और अपने जीवन में भी गणित जैसी "कठिन" चीज को एक "खेल" की तरह अपनाएं।

धन्यवाद।
जय हिंद।


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😇 WHAT'S YOUR DOUBT DEAR ☕️

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