Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Set 4 will help students in understanding the difficulty level of the exam.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 4 with Solutions
समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश
निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका सख्ती से अनुपालन कीजिए।
- इस प्रश्न पत्र में चार खंड हैं- क, ख, ग और घ
- इस प्रश्न-पत्र में कुल 15 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- प्रश्न पत्र में आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
- प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए।
खंड ‘क’ (अपठित बोध) (14 अंक)
इस खंड में अपठित गद्यांश व काव्यांश से संबंधित तीन बहुविकल्पीय (1 × 3 = 3) और दो अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक (2 × 2 = 4) प्रश्न दिए गए हैं।
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर लिखिए। (7)
हर भाषा किसी-न-किसी समाज की एक मातृभाषा होती है। उसका अपना एक विशिष्ट साहित्य होता है। उस भाषा के साहित्य का अध्ययन करके हम उस भाषा-भाषी समाज के बारे में, उसकी सभ्यता और संस्कृति के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। विदेशी भाषा का अध्ययन बुरी बात नहीं है। इससे हमारी संवेदना व्यापक होती है, हमारे ज्ञान का विस्तार होता है, हमारी मानवीय दृष्टि में व्यापकता आती है और विचारों में उदारता का समावेश होता है। भाषा किसी जाति की सभ्यता और संस्कृति की वाहक होती है। यदि हमारे पास अपनी भाषा का ज्ञान नहीं होगा, तो हम अपनी पहचान खो देंगे। मातृभाषा हमें राष्ट्रीयता से जोड़ती है और देश प्रेम की भावना उत्प्रेरित भी करती है।
मातृभाषा ही किसी भी व्यक्ति के शब्द और संप्रेषण कौशल की उद्यम होती है। एक कुशल संप्रेषक अपनी मातृभाषा के प्रति उतना ही संवेदनशील होगा, जितना विषय-वस्तु के प्रति। मातृभाषा व्यक्ति के संस्कारों की परिचायक है। मातृभाषा के प्रचार से सदाचार को किसी विचित्र तथा विलक्षण मानसिक प्रभाव के कारण अत्यंत लाभ होता है। मातृभाषा के द्वारा हम जो सीखते हैं, वह संसार की अन्य किसी भाषा के द्वारा नहीं सीख सकते हैं। अपनी भाषा या मातृभाषा में हमारा हृदय बोलता है। हमारा राष्ट्र हृदय उसमें धड़कता है, इसलिए विदेशी भाषा की अपेक्षा मातृभाषा का महत्त्व अधिक होता है। जब तक कोई राष्ट्र अपनी भाषा को नहीं अपनाता, तब तक वह स्वावलंबी नहीं बन सकता और विकास नहीं कर सकता। मातृभाषा चिंतन और मनन की भाषा होती है। संपूर्ण समाज उसी के माध्यम से स्वयं को व्यक्त करता है। जरूरत इस बात की है कि हमारे साहित्य का माध्यम भारतीय भाषा या मातृभाषा हो, जिसमें राष्ट्र के हृदय मन-प्राण के सूक्ष्मतः और गंभीर संवेदना मुखरित हो। हमारा साहित्य विदेशी परंपरा से संबंधित न होकर हमारी अपनी सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करे।
(क) निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गद्यांश के अनुसार असत्य है? (1)
(i) मातृभाषा व्यक्ति के चिंतन और मनन की भाषा होती है।
(ii) मातृभाषा के बिना व्यक्ति अपनी पहचान बनाए रख सकता है।
(iii) साहित्य का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए।
(iv) विदेशी भाषा का अध्ययन हमारी दृष्टि को उदार बनाता है।
उत्तर:
(ii) मातृभाषा के बिना व्यक्ति अपनी पहचान बनाए रख सकता है।
गद्यांश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि “यदि हमारे पास अपनी भाषा का ज्ञान नहीं होगा, तो हम अपनी पहचान खो देंगे।” इसलिए यह विकल्प गद्यांश के अनुसार असत्य है।
(ख) मातृभाषा का महत्त्व क्यों होता है? इस संबंध में उपयुक्त विकल्प चुनिए। (1)
1. मातृभाषा व्यक्ति, समाज व राष्ट्र के लिए आवश्यक होती है।
2. मातृभाषा मन पर गहरा प्रभाव छोड़ती है।
3. मातृभाषा में आत्मनिर्भर बनने की क्षमता होती है।
4. मातृभाषा में संवेदना नहीं होती है।
कूट
(i) केवल 1
(ii) केवल 2
(iii) 1 और 3
(iv) 2 और 4
उत्तर:
(iii) 1 और 3
प्रस्तुत गद्यांश में मातृभाषा का महत्त्व व आवश्यकता के विषय में बताया गया है। मातृभाषा किसी भी व्यक्ति, समाज व राष्ट्र के लिए महत्त्वपूर्ण और आवश्यक होती है तथा उसमें आत्मनिर्भर बनने की क्षमता निहित होती है।
(ग) कथन (A): मनुष्य को अपनी मातृभाषा को अधिक महत्त्व देना चाहिए। (1)
कारण (R): संपूर्ण समाज उसी के द्वारा स्वयं को व्यक्त करता है।
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं. परंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर:
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
मनुष्य को अपनी मातृभाषा को अधिक महत्त्व देना चाहिए, क्योंकि संपूर्ण समाज उसी भाषा के माध्यम से स्वयं को व्यक्त करता है।
(घ) एक व्यक्ति या राष्ट्र कब आत्मनिर्भर बन सकता है? मातृभाषा के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए। (2)
उत्तर:
मातृभाषा का हमारे जीवन में विशेष महत्त्व है। संपूर्ण समाज इसी के माध्यम से स्वयं को व्यक्त करता है। व्यक्ति या राष्ट्र तब आत्मनिर्भर बनता है, जब वह अपनी मातृभाषा को अपनाता है। मातृभाषा चिंतन, अभिव्यक्ति और संप्रेषण की भाषा है, जिससे आत्मविश्वास और स्वतंत्र सोच का विकास होता है।
(ङ) विदेशी भाषाओं के अध्ययन के लाभ होते हुए भी मातृभाषा को अधिक महत्त्व क्यों दिया जाना चाहिए? (2)
उत्तर:
मातृभाषा में हम अपने भावों और विचारों को कुशलता से व्यक्त कर सकते हैं, मातृभाषा हमारी पहचान, संवेदना, संस्कार और देश प्रेम की अभिव्यक्ति है। यह हृदय की भाषा है, जिसमें राष्ट्र-भावना धड़कती है। इसलिए विदेशी भाषा की अपेक्षा मातृभाषा को अधिक महत्त्व देना चाहिए।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर लिखिए।
एक दिन तने ने भी कहा था,
जड़?
जड़ तो जड़ ही है,
जीवन से सदा डरी रही है,
और यही है उसका सारा इतिहास
कि ज़मीन में मुँह गड़ाए पड़ी रही है;
लेकिन मैं ज़मीन से ऊपर उठा,
बाहर निकला, बढ़ा हूँ
इसी से तो तना हूँ
एक दिन डालों ने भी कहा था
तना?
किस बात पर है तना?
जहाँ बिठाल दिया गया था वहीं पर है बना,
प्रगतिशील जगती में तिल भर नहीं डोला है,
खाया है, मोटाया हैं, सहलाया चोला है,
लेकिन हम तने से फूटीं,
दिशा-दिशा में गईं
ऊपर उठीं नीचे आईं,
हर हवा के लिए ढोल बनीं, लहराई
इसी से तो डाल कहलाईं
एक दिन पत्तियों ने भी कहा था,
डाल?
डाल में क्या है कमाल?
माना वह झूमी है, झुकी,
डोली है ध्वनि प्रधान दुनिया में
एक शब्द भी वह कभी बोली है?
लेकिन हम हर हर स्वर करती हैं,
मर्मर स्वर मर्म भरा भरती हैं।
नूतन हर वर्ष हुई,
पतझर में झर
बहार-फूट फिर छहरती हैं,
विथकित चित्त पंथी का
शाप-ताप हरती हैं।
(क) “लेकिन हम हर हर स्वर करती हैं” पंक्ति का आशय है
(i) हवा चलने पर पत्तियाँ हिलती हैं
(ii) हवा से ध्वनि उत्पन्न होती है।
(iii) पत्तियाँ हिलने से हर की ध्वनि उत्पन्न होती है।
(iv) पत्तियाँ एक शब्द भी नहीं बोलतीं
उत्तर:
(iii) पत्तियाँ हिलने से हर की ध्वनि उत्पन्न होती है।
‘लेकिन हम हर हर स्वर करती हैं’ का आशय हवा चलने पर पत्तियों के हिलने से हर हर की ध्वनि उत्पन्न होती है से हैं।
(ख) काव्यांश के अनुसार, डाल ने अपनी उपयोगिता किस रूप में दर्शाई है? नीचे दिए गए कथनों पर विचार कीजिए
1. डालियाँ गतिशील होती हैं और सभी दिशाओं में फैलती हैं।
2. पत्तियाँ डाल पर ही उत्पन्न होती हैं और उससे जुड़ी रहती हैं।
3. डालियाँ झूमती, झुकती और हवा के साथ लहराती हैं।
कूट
(i) केवल 1
(ii) केवल 2
(iii) 1 और 3
(iv) ये सभी
उत्तर:
(iv) ये सभी
डाल ने अपनी उपयोगिता यह बताकर सिद्ध की है कि वह तने से निकलकर दिशा-दिशा में फैली है, गतिशील रहती है और हवा में झूमती-लहराती है।
(ग) कथन (A): तने ने जड़ को निर्जीव कहा, क्योंकि वह सदैव जमीन के नीचे रहती है।
कारण (R): वह अँधेरे में रहती है और उसने बाहर निकलकर विश्व को नहीं देखा है।
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर:
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
प्रस्तुत कविता के अनुसार, तने ने जड़ को निर्जीव कहा है, क्योंकि वह सदैव जमीन में दबी रहती है। उसने कभी बाहर की दुनिया नहीं देखी। वह हमेशा अंधेरे में वह एक ही स्थान पर जीवनपर्यंत स्थिर होकर जमीं रहती है।
(घ) पत्तियों ने डाल से अपनी तुलना कैसे की?
उत्तर:
पत्तियाँ कहती हैं कि डाल सिर्फ झूमती है, लेकिन कुछ नहीं कहती। जबकि वे (पत्तियाँ) हर-हर और मर्मर जैसी मधुर आवाजें करती हैं। वे बदलती ऋतुओं में नई-नई कोंपलों के रूप में पुनः जन्म लेकर सुंदर जीवन का एहसास कराती हैं।
(ङ) काव्यांश के लिए एक उपयुक्त शीर्षक दीजिए और उस शीर्षक को चुनने का तर्क भी लिखिए।
उत्तर:
प्रस्तुत काव्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक ‘मैं भी कुछ हूँ’ है। यह काव्यांश वृक्ष के विभिन्न अंगों (जड़, तना, डाल और पत्तियों) की आपसी संवाद शैली में रचा गया है, जहाँ प्रत्येक अंग अपनी-अपनी उपयोगिता और पहचान को सिद्ध करता है। सभी का एक-दूसरे से जुड़ाव होते हुए भी प्रत्येक अपने कार्य से विशिष्ट है। इसलिए मैं भी कुछ हूँ’ शीर्षक उनकी अस्तित्व की भावना और स्वाभिमान को दर्शाने के लिए उपयुक्त है।
खंड ‘ख’ (व्यावहारिक व्याकरण) (16 अंक)
व्याकरण के लिए निर्धारित विषयों पर अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक 20 प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें से केवल 16 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(क) ‘लाभ वाला काम करो।’ इसे मिश्र वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
(ख) ‘मैंने उसे बहुत समझाया पर वह न मानी।’ इसे सरल वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
(ग) ‘पत्थर की मूर्ति पर चश्मा असली था।’ इसे संयुक्त वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
(घ) “मूझे यह जानकर बहुत दुःख हुआ कि मेरे पिताजी का देहांत हो गया।” आश्रित उपवाक्य पहचानिए और उसका भेद भी लिखिए।
(ङ) ‘कल्पना बाजार जा रही है और वह मिठाई खरीदेगी।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए।
उत्तर:
(क) ऐसा काम करो, जिसमें लाभ हो।
(ख) मेरे बहुत समझाने पर भी वह न मानी।
(ग) मूर्ति पत्थर की थी, लेकिन उस पर चश्मा असली था।
(घ) प्रस्तुत वाक्य में ‘कि मेरे पिताजी का देहांत हो गया’ आश्रित उपवाक्य है। यह एक संज्ञा उपवाक्य है।
(ङ) प्रस्तुत वाक्य संयुक्त वाक्य है।
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(क) ‘विद्यालय में ध्वजारोहण किया गया।’ वाच्य का भेद बताइए।
(ख) ‘अध्यापक ने हमें नया पाठ पढ़ाया।’ इसे कर्मवाच्य में बदलिए।
(ग) ‘पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया।’ इसे कर्तृवाच्य में बदलिए।
(घ) ‘मोहन चल नहीं सकता।’ इसे भाववाच्य में बदलिए।
(ङ) भाववाच्य वाक्य में क्रिया किस पुरुष और वचन में रहती है?
उत्तर:
(क) प्रस्तुत वाक्य कर्मवाच्य है।
(ख) अध्यापक के द्वारा हमें नया पाठ पढ़ाया गया।
(ग) पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
(घ) मोहन से चला नहीं जाता।
(ङ) भाववाच्य वाक्य में क्रिया हमेशा प्रथम पुरुष एकवचन में रहती है।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए।
(क) हुसैन आज दिल्ली जाएगा।
(ख) राहुल प्रतिदिन व्यायाम करता है।
(ग) शाबाश! तुमने बहुत अच्छा कार्य किया।
(घ) काशी में मरना भी मंगल माना गया है।
(ङ) आप लोग घर चले जाओ। आप यहाँ कल आना।
उत्तर:
(क) हुसैन व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ताकारक
(ख) प्रतिदिन कालवाचक क्रियाविशेषण, विशेष्य क्रिया करता है
(ग) तुमने सर्वनाम, एकवचन, मध्यम पुरुषवाचक कर्ताकारक
(घ) माना गया है। सकर्मक क्रिया, एकवचन, पूर्ण भूतकाल, कर्मवाच्य
(ङ) पहला आप– सार्वनामिक विशेषण, दूसरा आप-मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों की रेखांकित काव्य पंक्तियों में अलंकार पहचानकर लिखिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘काल हाँक जनु लावा’
(ख) ‘नीलोत्पल के बीच सजाये मोती से आँसू के बूँद।’
(ग) धनुष उठाया ज्यों ही उसने और चढ़ाया उस पर बाण।
धरा-सिन्धु नभ काँपे सहसा विकल हुए जीवों के प्राण।’
(घ) ‘यह जीवन क्या है? निर्झर है?’
(ङ) ‘अचल हिमगिरि के हृदय में आज चाहे कंप हो ले
या प्रलय के आँसुओं में मौन अलसित व्योम रो ले।’
उत्तर:
(क) रेखांकित काव्य पंक्ति में उत्प्रेक्षा अलंकार है। यहाँ जनु उत्प्रेक्षा का वाचक शब्द है।
(ख) रेखांकित काव्य पंक्ति में कमल पुष्प के बीच ओस की बूँदे आँसू के समान प्रतीत हो रही हैं। अतः यहाँ उपमा अलंकार है।
(ग) रेखांकित काव्य पंक्ति में बताया गया है कि जैसे ही अर्जुन ने धनुष उठाया और उस पर बाण चढ़ाया तभी धरती, आसमान एवं समुद्र काँपने लगे और सभी जीवों के प्राण निकलने को हो गए। अतः यहाँ बात का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन करने से अतिशयोक्ति अलंकार है।
(घ) ‘यह जीवन क्या है? निर्झर है।’ रेखांकित काव्य पंक्ति में जीवन को निर्झर के समान बताकर जीवन को ही निर्झर कहा गया है। अतः यहाँ रूपक अलंकार है।
(ङ) रेखांकित काव्य पंक्ति में हिमगिरि निर्जीव वस्तु है पर उसके हृदय में कंपन होना मानवीय चेष्टा है। इसी प्रकार प्रलय एक निर्जीव वस्तु है, इसके आँसुओं में मौन होकर व्योम (आकाश) जो निर्जीव है, का मौन होना, अलसाना और रोना सभी मनुष्य संबंधित गुण हैं। इस प्रकार यहाँ हिमगिरि तथा व्योम पर (जोकि जड़ है) मानवीय क्रियाओं का आरोप किया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
खंड ‘ग’ (पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक) (30 अंक)
इस खंड में पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
जो शब्द सबसे कम समझ में आते हैं और जिनका उपयोग होता है सबसे अधिक; ऐसे दो शब्द हैं सभ्यता और संस्कृति। इन दो शब्दों के साथ जब अनेक विशेषण लग जाते हैं, उदाहरण के लिए जैसे भौतिक-सभ्यता और आध्यात्मिक-सभ्यता, तब दोनों शब्दों का जो थोड़ा बहुत अर्थ समझ में आया रहता है, वह भी गलत सलत हो जाता है। क्या यह एक ही चीज़ है अथवा दो वस्तुएँ? यदि दो हैं तो दोनों में क्या अंतर है? हम इसे अपने तरीके पर समझने की कोशिश करें। कल्पना कीजिए उस समय की जब मानव समाज का अग्नि देवता से साक्षात्कार नहीं हुआ था। आज तो घर-घर चूल्हा जलता है। जिस आदमी ने पहले पहल आग का आविष्कार किया होगा, वह कितना बड़ा आविष्कर्ता होगा! अथवा कल्पना कीजिए उस समय की जब मानव को सुई-धागे का परिचय न था, जिस मनुष्य के दिमाग में पहले-पहल बात आई होगी कि लोहे के एक टुकड़े को घिसकर उसके एक सिरे को छेदकर और छेद में धागा पिरोकर कपड़े के दो टुकड़े एक साथ जोड़े जा सकते हैं, वह भी कितना बड़ा आविष्कर्ता रहा होगा।
(क) कथन (A): वस्तुएँ मूर्त रूप से संसार में विद्यमान हैं।
कारण (R): वे वस्तुएँ भौतिक सभ्यता कहलाती हैं।
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर:
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) सही व्याख्या करता है।
प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर स्पष्ट है कि वे वस्तुएँ, जो मूर्त रूप से संसार में विद्यमान हैं, भौतिक सभ्यता कहलाती हैं।
(ख) गद्यांश के आधार पर विचार कीजिए लेखक पाठक को निम्नलिखित में से क्या करने की सलाह देता है?
1. ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ जैसे शब्दों को अपने ढंग से समझने की कोशिश करने की।
2. हर शब्द की परिभाषा को ज्यों-का-त्यों मान लेना चाहिए।
3. किसी भी कठिन शब्द के प्रयोग से बचना चाहिए।
4. समाज के पुराने नियमों को ही हमेशा सही मानना चाहिए।
कूट
(i) केवल 1
(ii) केवल 4
(iii) 1 और 3
(iv) 2 और 4
उत्तर:
(i) केवल 1
लेखक पाठकों को यह सलाह देता है कि वे ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ जैसे जटिल शब्दों को दूसरों की परिभाषा पर निर्भर न रहकर अपने ढंग से सोचें और समझें। बाकी विकल्प लेखक के विचार से मेल नहीं खाते।
(ग) सभ्यता शब्द से पूर्व कोई विशेषण लगा दिए जाने पर क्या होगा?
(i) अंतर समझ पाना आसान हो जाएगा
(ii) सभ्यता शब्द का अर्थ अस्पष्ट हो जाएगा
(iii) सभ्यता शब्द के अर्थ की व्याख्या हो जाएगी
(iv) सभ्यता के साथ संस्कृति का अर्थ स्पष्ट हो जाएगा
उत्तर:
(ii) सभ्यता शब्द का अर्थ अस्पष्ट हो जाएगा
सभ्यता शब्द से पूर्व कोई विशेषण लगा दिए जाने पर सभ्यता शब्द का अर्थ अस्पष्ट हो जाएगा।
(घ) आग और सुई को सबसे महान आविष्कार क्यों कहा गया है? नीचे दिए गए कथनों में से उपयुक्त विकल्प चुनिए
1. आग की सहायता से हम रोशनी पाते हैं और सुई से कपड़े सिलते हैं।
2. आग से हमारी रक्षा होती है और सुई से हम शिकार कर सकते हैं।
3. आग से स्वादिष्ट भोजन पाते हैं और सुई से दो वस्तुओं को जोड़ सकते हैं।
4. आग से हम भोजन पकाते हैं और सुई से वस्तुएँ अलग करते हैं।
कूट
(i) 1 और 3
(ii) केवल 2
(iii) केवल 3
(iv) 1 और 4
उत्तर:
(iii) केवल 3
आग व सुई का आविष्कार सबसे बड़ा आविष्कार है, क्योंकि आग से हम स्वादिष्ट खाना बना पाते हैं और सुई के द्वारा हम दो अलग-अलग वस्तुओं को जोड़ सकते हैं।
(ङ) लेखक ने कौन-सी दो सभ्यताएँ बताई हैं?
(i) भौतिक सभ्यता और आध्यात्मिक सभ्यता
(ii) सांसारिक सभ्यता और असांसारिक सभ्यता
(iii) लौकिक सभ्यता और भौतिक सभ्यता
(iv) आध्यात्मिक सभ्यता और अनाध्यात्मिक सभ्यता
उत्तर:
(i) भौतिक सभ्यता और आध्यात्मिक सभ्यता
लेखक ने भौतिक सभ्यता और आध्यात्मिक सभ्यता ये दो सभ्यताएँ बताई हैं।
प्रश्न 8.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) आपकी दृष्टि में भगत की कबीर पर श्रद्धा के क्या कारण रहे होंगे? ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर:
मेरी दृष्टि में बालगोबिन भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के निम्नलिखित कारण रहे होंगे
(i) भगत को कबीरदास की सामाजिक कुरीतियों का विरोध करने वाली बातें बहुत पसंद आई होंगी।
(ii) भगत कबीरदास के जाति पाँति का विरोध करने वाले विचारों से बहुत प्रभावित हुए होंगे।
(iii) भगत को कबीरदास के सत्य का आचरण, झूठ से घृणा, सादा जीवन उच्च विचार और मितव्ययिता की बातों ने भी बहुत प्रभावित किया होगा, इसलिए उन्होंने स्वयं भी सादा जीवन अपनाया।
(ख) “लेखिका की यादों का सिलसिला अजमेर के ब्रह्मपुरी मोहल्ले के दो मंजिला मकान से प्रारंभ होता है।” ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के आधार पर इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘एक कहानी यह भी’ की लेखिका की जीवन कथा अर्थात् जन्म मध्य प्रदेश के भानपुर गाँव में हुआ था, किंतु उनकी यादों का सिलसिला अजमेर के ब्रह्मपुरी मोहल्ले में स्थित उस दो मंजिला मकान से प्रारंभ होता है, जिसकी ऊपरी मंजिल के कक्ष में लेखिका के पिता अव्यवस्थित रूप से रखी पुस्तकों-पत्रिकाओं व समाचार पत्रों के मध्य पठन-पाठन करते रहते थे और नीचे अपनी माँ व भाई-बहनों के साथ लेखिका रहती थी।
(ग) बिस्मिल्ला खाँ भौतिक सुख के लिए धन-दौलत बटोर सकते थे, किंतु उन्होंने ऐसा न करके संगीत की साधना के साथ-साथ सरल ढंग से जीवनयापन किया। क्यों? उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर:
बिस्मिल्ला खाँ अपनी कला के बल पर बेशुमार धन-दौलत बटोर सकते थे, किंतु उन्होंने ऐसा न करके सरल ढंग से जीवन व्यतीत किया। उनका जीवन सादगी और उच्च विचारों से परिपूर्ण था। भारतरत्न से सम्मानित होने के बावजूद उन्हें फटी तहमद पहनने में तनिक भी संकोच नहीं होता था। वे ईश्वर से भी धन-दौलत न माँगकर सुर दान करने की प्रार्थना करते थे। इसी प्रकार, उन्होंने कभी भी काशी छोड़कर कहीं और बसने का प्रयास नहीं किया। उनके लिए जीवन में काशी और शहनाई से बढ़कर कोई जन्नत नहीं थी। दुनिया उनकी कला की प्रशंसा करती थी, तो वह सारी तारीफ़ों को ईश्वर को अर्पित कर देते थे। उनमें यह सरलता अंतिम समय तक बनी रही।
(घ) पाठ ‘लखनवी अंदाज़’ में नवाब साहब द्वारा लेखक से खीरा खाने के लिए पूछे जाने पर भी उन्होंने खीरा खाने से इंकार क्यों किया?
उत्तर:
लेखक को अचानक से नवाब साहब का बदला हुआ व्यवहार अच्छा नहीं लगा। उन्होंने डिब्बे में चढ़ते समय लेखक के प्रति अरुचि प्रदर्शित की थी, इसलिए लेखक ने खीरा खाने से इंकार कर दिया। नवाब साहब ने एक बार फिर लेखक से खीरा खाने के लिए कहा, परंतु लेखक ने अपना आत्मसम्मान बचाए रखने के लिए खीरा खाने के लिए फिर मना कर दिया।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक: उपयुक्त विकल्प ‘चुनकर लिखिए।
तार सप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य गायक को ढांढ़स बँधाता
कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
कभी कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
यह बताने के लिए कि वह अकेला नहीं है।
(क) ‘राख जैसा’ किसे कहा गया है?
(i) संगतकार के बुझते स्वर को
(ii) मुख्य गायक के बुझते स्वर को
(iii) तारसप्तक के ऊँचे स्वर को
(iv) ये सभी
उत्तर:
(ii) मुख्य गायक के बुझते स्वर को
‘राख जैसा’ मुख्य गायक के बुझते स्वर को कहा गया है, क्योंकि तार सप्तक में ऊँचे स्वर में जब गायक गाता है, तब उसका सुर बुझता हुआ-सा प्रतीत होता है।
(ख) कथन (A): संगतकार मुख्य गायक को ढांढस बँधाता है।
कारण (R): संगतकार नौसिखिया है।
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत हैं, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
संगतकार मुख्य गायक को ढांढस बँधाता है। वह मुख्य गायक को यह बताना चाहता है कि वह अकेला नहीं है, परंतु संगतकार नौसिखिया नहीं है।
(ग) ‘उसका गला’ में उसका किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(i) संगतकार के लिए
(ii) तार सप्तक के लोग
(iii) संगीतकार के लिए
(iv) मुख्य गायक
उत्तर:
(iv) मुख्य गायक
उसका गला में ‘उसका’ शब्द मुख्य गायक के लिए प्रयुक्त हुआ है।
(घ) ‘यों ही’ में निहित अर्थ का उपयुक्त विकल्प चुनिए।
1. स्वार्थ सहित
2. अहसास दिलाने के लिए
3. बिना गायन के
4. ये सभी
कूट
(i) केवल 1
(ii) केवल 2
(iii) 3 और 4
(iv) 2 और 3
उत्तर:
(ii) केवल 2
‘यों ही’ में निहित अर्थ का उपयुक्त विकल्प मुख्य गायक को संगतकार द्वारा यह अहसास दिलाना है कि वह अकेला नहीं है।
(ङ) काव्यांश के अनुसार, कौन किसका साथ देता है?
(i) सभी संगतकार का साथ देते हैं।
(ii) संगतकार मुख्य गायक का साथ देता है।
(iii) सभा संगतकार का साथ देती है।
(iv) मुख्य गायक संगतकार का साथ देता है।
उत्तर:
(ii) संगतकार मुख्य गायक का साथ देता है।
काव्यांश के अनुसार, संगतकार मुख्य गायक का साथ देता है।
प्रश्न 10.
कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) जब परशुराम शिव धनुष टूटने पर गुस्सा हो गए, तो लक्ष्मण ने उन्हें शांत करने के लिए क्या बाते कहीं? ‘राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर उत्तर लिखिए।
उत्तर:
लक्ष्मण ने परशुराम को शांत करने के लिए उनसे विनम्रतापूर्वक कहा कि श्रीराम ने तो केवल शिव के पुराने धनुष को मात्र छुआ था, अब यदि वह छूने मात्र से टूट गया, तो इसमें उनका कोई दोष नहीं है। लक्ष्मण ने अपने इस कथन को सत्य ठहराने के लिए इसी प्रकार के अनेक कथनों का प्रयोग किया।
(ख) गोपियों ने श्रीकृष्ण को अपने हृदय में किस प्रकार बसाया हुआ है? ‘सूरदास के पद’ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गोपियों ने श्रीकृष्ण को अपने हृदय में उसी प्रकार बसाया है. जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पैरों में लकड़ी को दबा लेता है तथा उसे नहीं छोड़ता। उसी प्रकार मन, वचन और कर्म से गोपियों ने श्रीकृष्ण को अपने हृदय में बसाया हुआ है। उनका कहना है कि वे सोते-जागते, सपने में और दिन-रात श्रीकृष्ण के नाम को ही रटती रहती हैं।
(ग) कवि की आँखें फाल्गुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही हैं? ‘अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर:
चारों ओर फाल्गुन का सौंदर्य बिखरा हुआ है, जिसे देखकर प्रकृति प्रेमी कवि का मन प्रसन्न हो उठता है। इस समय डालियाँ कहीं लाल तो कहीं हरे-हरे पत्तों से लदी दिखाई देती हैं तथा चारों ओर फूल खिले हैं। इसी कारण कवि की आँखें फाल्गुन की सुंदरता से नहीं हट रही हैं।
(घ) ‘फसल’ कविता के आधार पर बताइए कि एक फसल उगाने में किन-किन लोगों और चीजों का योगदान होता है और वे कैसे सहायता करते हैं?
उत्तर:
लहलहाती फसल को पैदा करने में प्रकृति और मनुष्य दोनों का ही पारस्परिक सहयोग होता है। इसलिए कवि कहता है कि फसल को पैदा करने में केवल एक-दो नदियाँ ही नहीं, अपितु अनेक नदियाँ अपना जल देकर उसकी सिंचाई करती हैं। उसमें केवल एक-दो मनुष्यों का ही नहीं, अपितु लाखों-करोड़ों मनुष्यों के परिश्रम का योगदान रहता है और उसमें केवल एक-दो खेतों का ही नहीं, अपितु हज़ार हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण-धर्म मिलता है।
प्रश्न 11.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) बैजू रास्ते में मूसन तिवारी को चिढ़ाते हुए बोला, बुढ़वा बेइमान माँगे करैला को चौखा। शेष बच्चों ने बैजू के सुर में सुर मिलाकर यही चिल्लाना शुरू कर दिया। अतः परिवेश एवं संगति किस प्रकार बच्चों के चारित्रिक विकास में बाधक एवं साधक है? ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
बालमन बहुत कच्चा तथा कोमल होता है। बच्चे जिस परिवेश में रहते हैं, उसी में ढल जाते हैं। सही परिवेश और सही संगति चरित्र को उज्ज्वल बनाते हैं। दूसरी ओर गलत परिवेश एवं गलत संगति अच्छे बालक को भी बुरा बना देते हैं। प्रस्तुत पाठ में भोलानाथ जैसा भोला-भाला तथा मासूम बच्चा भी अपने उदंड ( जिसे दंड का भय न हो) मित्रों की संगत में कभी शिक्षकों को चिढ़ाता है, तो कभी जीव-जंतुओं को सताता है। इस प्रकार वह गलत संगति में पड़कर दुर्गुणों का शिकार हो जाता है। अतः परिवेश और संगति बच्चों के चारित्रिक विकास में बाधक भी हैं और साधक भी।
(ख) पर्वतीय क्षेत्रों पर होने वाली व्यावसायिक प्रगति और विकास का इन स्थलों तथा प्राकृतिक वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। ‘साना-साना हाथ जोड़ि (मधु कांकरिया) लेखिका ने कटाओ क्षेत्र का उदाहरण देकर किस समस्या की ओर संकेत किया है? इसके समाधान में नवयुवकों की क्या भूमिका हो सकती है? ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पर्वतीय क्षेत्रों पर होने वाली व्यावसायिक प्रगति और विकास का इन स्थलों तथा प्राकृतिक वातावरण पर अत्यधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। विकास और प्रगति के नाम इन क्षेत्रों के प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है, जिसके कारण प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति पैदा हो गई हैं। इन क्षेत्रों में प्रदूषण अत्यधिक तीव्र गति से बढ़ रहा है, जिससे तापमान में असामान्य वृद्धि हो रही है। लेखिका ने कटाओ क्षेत्र का उदाहरण देकर पर्यटन स्थलों में फैली गंदगी की समस्या की ओर संकेत किया है। पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ जाकर वहाँ गंदगी और प्रदूषण फैलाती है, जिसके कारण वहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य नष्ट होने लगता है। इसके समाधान के लिए आज के नवयुवक विशेष अभियान चलाकर प्राकृतिक स्थानों को गंदगी मुक्त करके अपना योगदान दे सकते हैं। वे दूसरों को जागरूक करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
(ग) ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि विज्ञान के दुरुपयोग से समाज और मानवता को किस प्रकार की नैतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है? इस संदर्भ में पाठ के वर्णित उदाहरणों के साथ अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ में विज्ञान के दुरुपयोग की चर्चा की गई है, जिसमें हिरोशिमा के बम विस्फोट का उदाहरण देकर बताया है कि किस तरह रेडियोधर्मी पदार्थ की किरणों ने वहाँ के पत्थर को भी प्रभावित किया था। आजकल विज्ञान का दुरुपयोग कई स्तरों पर किया जा रहा है। आज इसके द्वारा आतंकवादी संसार पर बम विस्फोट कर रहे हैं। उदाहरण स्वरूप अमेरिका की एक बहुमंजिली इमारत को तहस-नहस करना, मुंबई में हुए बम विस्फोट, आए दिन गाड़ियों में आग लगना इत्यादि घटनाओं को लिया जा सकता है। विज्ञान के दुरुपयोग से कन्या-भ्रूण हत्याएँ हो रही हैं, जिससे जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है। किसान कीटनाशक और जहरीले रसायन के माध्यम से फसलों का उत्पादन कर रहे हैं जिससे लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। साइवर क्राइम भी विज्ञान से जन्मी समस्या है।
खंड ‘घ’ (रचनात्मक लेखन) (20 अंक)
इस खंड में रचनात्मक लेखन पर आधारित प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए। (6)
(क) G20
संकेत बिंदु
- प्रस्तावना
- G20 क्या है?
- G20 के सदस्य
- G20 का उद्देश्य
- G20 के कार्य
- उपसंहार
उत्तर:
G20
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका गठन वर्ष 1999 में हुआ था। भारत में G-20 सम्मेलन 9-10 सितम्बर 2023 तक नई दिल्ली में आयोजित किया गया । G20 सम्मेलन, 2023 का विषय ‘हम एक पृथ्वी, एक परिवार और हमारा साझा भविष्य’ था। (We one earth, One family and we share our future ) जो भारत की वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा को दर्शाता है। G20 यूरोपियन यूनियन एवं 20 देशों का एक अनौपचारिक समूह है। G20 के शिखर सम्मेलन में सभी सदस्य प्रत्येक वर्ष सम्मिलित होते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस विषय पर चर्चा करते हैं।
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) में 19 देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोपीय देश शामिल हैं। सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद लगभग 85% वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी है। G20 के प्रमुख उद्देश्य व्यापार, स्वास्थ्य, जलवायु और अन्य मुद्दों पर वैश्विक नीति के समन्वय के लिए नियमित रूप से शिखर सम्मेलन करना, चर्चा करना तथा अर्थव्यवस्था में सुधार करना या वैश्विक मुद्दों का निपटान करना है।
G20 के सदस्य वर्ष में एक बार बैठक अवश्य करते हैं। इसके सदस्य देश वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार लाने, वित्तीय नियमन में सुधार लाने और प्रत्येक सदस्य देश में जरूरी प्रमुख आर्थिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए नियमित रूप से बैठक करते हैं। स्पष्टत: G20 सम्मेलन विश्व की समस्याओं का समाधान खोजने लिए सभी राष्ट्रों को एकसाथ एक ही मंच पर लेकर आता है। भारत भी इसमें शामिल है और हमें भारतीय होने पर गर्व है। वर्ष 2023 में भारत ने विश्व में G20 के माध्यम से अपना परचम लहराया है।
(ख) लोकतंत्र और चुनाव
संकेत बिंदु
- भूमिका
- लोकतंत्र में चुनाव की प्रक्रिया
- टिकट पाने की होड़
- अमर्यादित रूप से चुनाव का प्रचार-प्रसार
उत्तर:
लोकतंत्र और चुनाव
अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र को परिभाषित करते हुए कहा था- “लोकतंत्र जनता के लिए, जनता द्वारा जनता का शासन है।” लोकतंत्र सर्वोत्तम शासन प्रणाली है, जिसमें जनता की इच्छाओं को साकार करने के लिए जनता के प्रतिनिधि ही शासन संचालित करते हैं। भारतीय लोकतंत्र में जनता प्रत्येक चुनाव से अपने प्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष मतदान द्वारा चुनती है। भारत में प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल पर चुनाव आयोजित किए जाते हैं। यह चुनाव का समय ही होता है, जब सभी नेता जनता से मिलने प्रत्यक्ष रूप से जाते हैं और उनसे हर काम को पूरा करने का वादा करते हैं। आजकल लोकतंत्र की वास्तविकता केवल सिद्धांतों तक सीमित रह गई है, उसका व्यावहारिक पक्ष अत्यंत घृणित एवं खराब हो गया है।
सभी अपने-अपने महत्त्व को दिखाने के लिए अपने नेता, अपने गुट एवं दल के सदस्य को चुनाव में खड़ा करते हैं। राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी के रूप में टिकट पाने के लिए अनेक लोगों के बीच प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाती है। अंततः टिकट पाने में सफलता प्राप्त करने वाले प्रत्याशी का उत्साह सातवें आसमान पर चढ़ जाता है। चुनाव प्रचार का अराजकता भरा वातावरण शुरू हो जाता है। संपूर्ण परिवेश रंगीन झंडों, बैनरों, नारों, पोस्टरों, चीखते लाउडस्पीकरों, प्रचार करती गाड़ियों आदि से सराबोर हो जाता है। आजकल चुनाव प्रचार के समय राजनीतिक दलों द्वारा न्यूनतम मर्यादाओं का भी पालन नहीं किया जाता है। सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए नैतिकता समाप्त होती जा रही है। अनेक सुधारों के पश्चात् भी लोकतंत्र में चुनाव प्रणाली की जितनी सार्थक भूमिका होनी चाहिए, वह अभी भी नहीं दिखती है। आज भी जाति एवं धर्म के आधार पर मतदान होता है, आज भी बाहुबली लोग जेलों में रहते हुए चुनाव जीत जाते हैं।
(ग) इंटरनेट की दुनिया
संकेत बिंदु
- भूमिका
- भारत एवं विश्व में इंटरनेट की स्थिति
- इंटरनेट के लाभ
- इंटरनेट के दुष्परिणाम
उत्तर:
इंटरनेट की दुनिया
विज्ञान के कारण पहले कंप्यूटर का जन्म हुआ और फिर कंप्यूटर से इंटरनेट का इंटरनेट न केवल मानव के लिए अति उपयोगी सिद्ध हुआ है, बल्कि संचार में गति एवं विविधता के माध्यम से इसने दुनिया को बिलकुल बदलकर रख दिया है। इंटरनेट ने भौगोलिक सीमाओं को समेट दिया है। भारत में इंटरनेट सेवा की शुरुआत बी.एस.एन.एल. ने वर्ष 1995 में की थी।
अब एयरटेल, जियो, वोडाफ़ोन जैसी दूरसंचार कंपनियाँ भी इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराती हैं। आज विश्व के कुल 6.8 अरब से अधिक लोगों में से लगभग 2 अरब लोग इंटरनेट से जुड़े हुए हैं। संपूर्ण विश्व में इंटरनेट से जुड़ने वाले लोगों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। इंटरनेट ने उच्च स्तरीय व्यक्तियों से लेकर सामान्य व्यक्तियों तक सभी के जीवन को गति प्रदान की है। इससे मानव को अनेक सुविधाएँ प्राप्त हुई हैं; जैसे- पुस्तक ऑर्डर करना, रेल हवाई जहाज की टिकट बुक कराना, मित्रों से ऑनलाइन चैटिंग करना आदि। इंटरनेट न केवल हमारे कार्यों को सरल बनाता है, अपितु शिक्षा में भी यह अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका ज्वलंत उदाहरण कोरोना महामारी के समय देखा गया था। यदि आज इंटरनेट की सुविधा न होती तो शायद शिक्षक छात्र आदि कोरोना महामारी के जाने की प्रतीक्षा कर रहे होते, किंतु इंटरनेट ने घर बैठे छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने व शिक्षकों द्वारा शिक्षा देने के काम को भी साकार कर दिया है।
इंटरनेट के अनेक लाभ हैं, तो इसकी कुछ हानियाँ भी हैं। इसके माध्यम से अश्लील सामग्री की पहुँच बच्चों तक सरल हो गई है। इंटरनेट से जुड़ते समय वायरसों द्वारा सुरक्षित फाइलों के नष्ट होने का खतरा भी बना रहता है। इन सबके अतिरिक्त बहुत से लोग इस पर अनावश्यक और गलत आँकड़े एवं तथ्य भी प्रकाशित करते रहते हैं। इस प्रकार इंटरनेट यदि ज्ञान का सागर है, तो इसमें ‘कूड़े-कचरे’ की भी कमी नहीं है। इसलिए हमें इसका प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए। इसमें संदेह नहीं है कि इंटरनेट ने अनेक सुविधाएँ उपलब्ध करवाई हैं, परंतु यह आवश्यक है। कि मनुष्य इसका सही ढंग से प्रयोग करे। साथ ही इसका विस्तार क्षेत्र पूरे देश में बढ़ाया जाना चाहिए।
प्रश्न 13.
आपका नाम मोनिका गोस्वामी है और आप दिल्ली की निवासी हैं। आप समाचार-पत्रों में लगातार यह देख रही हैं कि दिल्ली में अपराधों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इससे न केवल आम नागरिकों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है, बल्कि विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो गई है। इस समस्या की ओर सरकार और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने के उद्देश्य से एक समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए। पत्र में अपराध-वृत्ति पर नियंत्रण हेतु कुछ तर्कसंगत सुझाव भी अवश्य दें। (5)
अथवा
आपका नाम अंकित त्यागी हैं। आप दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण अपने मित्र की बहन के विवाह में उपस्थित नहीं हो सके। इस संबंध में जानकारी देते हुए अपने मित्र को एक बधाई पत्र 100 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 29 मार्च, 20XX
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय
दैनिक हिंदुस्तान,
नई दिल्ली।
विषय: दिल्ली में बढ़ती अपराध-वृत्ति के संदर्भ में।
महोदय,
मैं आपके प्रतिष्ठित समाचार पत्र के माध्यम से दिल्ली सरकार के अधिकारियों का ध्यान दिल्ली में बढ़ती हुई अपराध-वृत्ति की ओर आकृष्ट कराना चाहती हूँ। आशा है कि आप मेरे पत्र को अपने प्रतिष्ठित समाचार पत्र में प्रकाशित करेंगे। मुझे अत्यंत खेद सहित लिखना पड़ रहा है कि दिल्ली में आजकल गुंडागर्दी, बलात्कार, हत्याएँ, लूटपाट, अपहरण जैसी आपराधिक घटनाएँ नियमित रूप से बढ़ रही हैं।
देश की राजधानी दिल्ली ‘अमन चैन की राजधानी’ न रहकर असामाजिक तत्त्वों व अपराधियों द्वारा ‘भय व आतंक के वातावरण की राजधानी’ बनकर रह गई है। जहाँ दिन-दहाड़े दुकानदारों से लूट, घरों में चोरी, छोटे बच्चों का अपहरण, लड़कियों से छेड़छाड़ व बलात्कार तो जैसे सामान्य बात हो गई है।
मेरा केंद्र सरकार तथा पुलिस के अधिकारियों से अनुरोध है कि वे इस संबंध में कठोरतम कार्यवाही करें, जिससे अपराधियों के मन में भय उत्पन्न हो। इस समस्या के समाधान हेतु सुझाव हैं
- प्रत्येक गली-मोहल्ले एवं प्रमुख स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए।
- पुलिस गश्त नियमित एवं सख्त हो।
- अपराधियों को शीघ्र एवं कठोर दंड मिले, जिससे दंड का भय बना रहे।
- महिला सुरक्षा हेतु विशेष हेल्पलाइन तथा आत्मरक्षा शिविरों की व्यवस्था की जाए।
- युवाओं में नैतिक शिक्षा एवं संस्कारों का प्रचार-प्रसार हो।
धन्यवाद।
भवदीया
मोनिका गोस्वामी
अथवा
परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 11 मार्च, 20XX
प्रिय मित्र,
मधुर स्मृति।
मुझे रजनी दीदी के विवाह का निमंत्रण पत्र समय पर मिल गया था। निमंत्रण पत्र पाकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई थी कि मेरे एक पंथ दो काज हो जाएँगे। मैं दीदी के विवाह में भी उपस्थित हो जाऊँगा और अपने अभिन्न मित्रों से भी मिल सकूँगा। मैंने इस विषय में सभी कार्यक्रम भी निश्चित कर लिए थे, किंतु सड़क दुर्घटना में मेरे पैर में फ्रैक्चर हो गया। ऐसी विवशता आ गई कि चाहकर भी मैं विवाह में उपस्थित नहीं हो सका। इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ। आशा है कि तुम मेरी विवशता समझ गए होंगे। इस अवसर पर मेरी परमपिता परमेश्वर से यही प्रार्थना है कि वह रजनी दीदी तथा उसके पति के नव विवाहित जीवन में सुख-समृद्धि लाए। उन्हें दुनिया की सभी खुशियाँ मिलें। उनका वैवाहिक जीवन लंबा और सुखी हो। घर पर सभी को मेरी ओर से बधाई देना। ईश्वर ने चाहा तो आप लोगों से शीघ्र ही आकर मिलूँगा।
तुम्हारा मित्र
अंकित त्यागी
प्रश्न 14.
आप मीना सैनी हैं। आप बी. एड. कर चुकी हैं, आपको महावीर स्कूल मानसरोवर में हिंदी अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। (5)
अथवा
आप पवन कुमार हैं। राजेंद्र नगर के निवासी हैं। आपके बिजली के बिल में अधिक राशि आई है, जो पिछले महीनों से बहुत अधिक है। इसके लिए कार्यपालक अभियंता को बिजली के बिल संबंधी शिकायत करने के लिए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर:
स्ववृत्त
नाम : मीना सैनी
पिता का नाम : संतोष सैनी
माता का नाम : पार्वती सैनी
जन्म तिथि : 8 फरवरी, 19XX
वर्तमान पता : 5/22 गोदाम, औद्योगिक क्षेत्र नरेला, दिल्ली।
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : +011 592348
मोबाइल नंबर : 9753XXXXXX
ई-मेल : 17meena@gmail.com
अन्य संबंधित योग्यताएँ
- कंप्यूटर का ज्ञान CCC व DOEACC में ‘O’ Level सर्टिफिकेट
- अनुभव सरस्वती सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पाँच वर्ष का शिक्षण अनुभव
उपलब्धियाँ
- वाद-विवाद राज्य स्तरीय प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार, 2008
- आशुभाषण प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर पर (द्वितीय पुरस्कार) 2011
कार्येत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ
- समाचार पत्र का नियमित पठन
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- श्री गणेश लाल चौधरी, टी. आर. कॉलेज, प्रिंसिपल, फरीदाबाद।
- श्रीमती रीता मल्होत्रा, प्रिंसिपल डी. आर. सी. कॉलेज, दिल्ली।
उद्घोषणा मैं यह पुष्टि करती हूँ कि मेरे द्वारा दी गई उपर्युक्त जानकारी पूर्ण रूप से सत्य है।
तिथि: 7.10.20XX
स्थान जयपुर
हस्ताक्षर
मीना सैनी
अथवा
From : Pawan@gmail.com
To : Electric House@210gmail.com
CC : NDPL@gmail.com
BCC : –
विषय: बिल में अत्यधिक राशि के संदर्भ में।
महोदय,
मैं राजेंद्र नगर का निवासी हूँ। मेरे घर का बिल लगभग ₹ 800 प्रतिमाह आता है। इस बार यह बिल ₹ 2400 का आया है, जिससे मैं परेशान हूँ। मेरे घर में बिजली की खपत में कहीं कोई परिवर्तन नहीं आया है। अतः इतने अधिक बिल का कोई कारण समझ नहीं आ रहा है। इस अत्यधिक राशि के बिल का भुगतान करना मेरे लिए संभव नहीं है। आपसे प्रार्थना है कि कृपया संशोधित बिल भेजें, जिससे कि मैं समय पर भुगतान कर सकूँ।
धन्यवाद।
भवदीय,
पवन कुमार
प्रश्न 15.
आपके बड़े भाई ने एक फाइनेंस कंपनी खोली है। वे उसके प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचार पत्र में उसका विज्ञापन देना चाहते हैं। आप फाइनेंस कंपनी की ओर से सस्ती दरों पर ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लगभग 40 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए। (4)
अथवा
आप कमल किशोर हैं। आपके मित्र का जन्मदिवस है। इस अवसर पर बधाई देने हेतु अपने मित्र को लगभग 40 शब्दों में शुभकामना संदेश लिखिए।
उत्तर:
अथवा
जन्मदिवस की बधाई हेतु शुभकामना संदेश
दिनांक 30 अगस्त, 20XX
समय दोपहर 2:00 बजे
प्रिय मित्र,
आपके जन्मदिवस पर आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ। मैं ईश्वर से सदैव यही कामना करता हूँ कि आप अच्छा स्वास्थ्य, लंबी आयु तथा खुशहाल जीवन के साथ उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ो, जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त करो तथा आपका जीवन फूलों-सा महकता रहे। तुम निरंतर प्रगति के मार्ग पर अग्रसर रहो और सफलता प्राप्त करो। तुम्हारा यह खास दिन तुम्हारे लिए यादगार बने अपने इस खास दिन को पूरे आनंद से मनाओ। पुनः तुम्हारे जन्मदिन की शुभकामना देता हूँ।
तुम्हारा मित्र
कमल किशोर
The post CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions appeared first on Learn CBSE.
📚 NCsolve - Your Global Education Partner 🌍
Empowering Students with AI-Driven Learning Solutions
Welcome to NCsolve — your trusted educational platform designed to support students worldwide. Whether you're preparing for Class 10, Class 11, or Class 12, NCsolve offers a wide range of learning resources powered by AI Education.
Our platform is committed to providing detailed solutions, effective study techniques, and reliable content to help you achieve academic success. With our AI-driven tools, you can now access personalized study guides, practice tests, and interactive learning experiences from anywhere in the world.
🔎 Why Choose NCsolve?
At NCsolve, we believe in smart learning. Our platform offers:
- ✅ AI-powered solutions for faster and accurate learning.
- ✅ Step-by-step NCERT Solutions for all subjects.
- ✅ Access to Sample Papers and Previous Year Questions.
- ✅ Detailed explanations to strengthen your concepts.
- ✅ Regular updates on exams, syllabus changes, and study tips.
- ✅ Support for students worldwide with multi-language content.
🌐 Explore Our Websites:
🔹 ncsolve.blogspot.com
🔹 ncsolve-global.blogspot.com
🔹 edu-ai.blogspot.com
📲 Connect With Us:
👍 Facebook: NCsolve
📧 Email: ncsolve@yopmail.com
😇 WHAT'S YOUR DOUBT DEAR ☕️
🌎 YOU'RE BEST 🏆