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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions - #NCSOLVE 📚

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Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Term 2 Set 1 will help students in understanding the difficulty level of the exam.

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 1 with Solutions

समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश

निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका सखी से अनुपालन कीजिए

  •  इस प्रश्न-पत्र में कुल चार खंड है-क, ख, ग, घ।
  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 15 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  •  प्रश्न-पत्र में आतरिक विकल्प-दिए गए हैं।
  • प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए।

खड ‘क’ (अपठित बोध)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
भारतीय संस्कृति, जीवनशैली और खान-पान में मोटे अनाजों (मिलेट्स) का विशेष स्थान रहा है। ये विशिष्ट अनाज हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी अच्छे होते हैं, क्योंकि कम पानी और संसाधन के बीच ये विकसित हो जाते हैं। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि भारत सरकार के सुझाव पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया, जिसका उद्देश्य मोटे अनाजों को लेकर जागरूकता फैलाना और इनके उत्पादन व सेवन को बढ़ावा देना है।

आमजन के बीच मोटे अनाजों का सेवन पिछली कई शताब्दियों से प्रचलित है, परंतु इसके पोषकीय और औषधीय गुणों की जानकारी हाल ही में हुए जैव-रासायनिक अनुसंधानों और चिकित्सा संबंधी अध्ययनों से सामने आई है। आधुनिक जीवनशैली से उत्पन्न होने वाले रोगों के संदर्भ मे मोटे अनाजों के अनेक स्वास्थ्य लाभों को दुनिया ने जाना-पहचाना और सराहा है। मोटे अनाजों में गेहूँ और धान की अपेक्षा प्रोटीन और संतुलित अमीनो अम्ल अधिक पाया जाता है। इस तरह से ये मोटे अनाज बाकी अनाजों से पोषण के मामले में श्रेष्ठ होते हैं।

इसके अलावा मोटे अनाज आहार संबंधी रेशों, गुणवत्तापूर्ण वसा और महत्त्वपूर्ण खनिर्ज; जैसे-कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, ज़िंक तथा बी-कॉम्प्लेक्स विटामिनों के समृद्ध स्रोत हैं। मोटे अनाजों में पोषण और स्वास्थ्य से जुड़े इतने फ़ायदों के बावजूद वर्तमान समय में मानव आबादी इनका सेवन नहीं करती या बहुत कम लोग इसे अपने खाने की थाली में जगह देते हैं, यह एक विडंबना है। मोटे अनाजों के सेवन में इस गिरावट से भारत में पोषण स्थिति में भारी कमी आई है। भारत में कुपोषण की समस्या खेदजनक है। स्रोत विज्ञान प्रगति (मासिक पत्रिका)
(क) प्रस्तुत गद्यांश किस विषयवस्तु पर आधारित है? (1)
(i) कुपोषण की समस्या पर
(ii) मोटे अनाज के महत्त्व पर
(iii) संतुलित आहार के महत्त्व पर
(iv) स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर
उत्तर:
(ii) मोटे अनाज के महत्त्व पर प्रस्तुत गद्यांश में मोटे अनाजों (मिलेट्स) के पोषण, औषधीय गुण, पर्यावरण के प्रति अनुकूलता तथा इसके उत्पादन व जागरूकता की बात की गई है, इसलिए यह ‘मोटे अनाज के महत्त्व’ विषयवस्तु पर आधारित है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions

(ख) निम्नलिखित कथन और कारण पर विचार करते हुए उपयुक्त विकल्प का चयन कर लिखिए (1)
कथन मोटे अनाज बाकी अनाजों से पोषण के मामले में श्रेष्ठ होते हैं।
कारण मोटे अनाजों में अनेक पोषकीय और औषधीय खूबियाँ होती हैं।
कूट
(i) कथन गुलत है, किंतु कारण सही है।
(ii) कथन और कारण दोनों गेलत हैं।
(iii) कथन सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है।
(iv) कथन सही है, किंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(iii) कथन सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है। गद्यांश के अनुसार, मोटे अनाजों में गेहूँ और धान से अधिक प्रोटीन, अमीनो अम्ल, खनिज और रेशे होते हैं। ये विशेषताएँ ही मोटे अनाज को बाकी अनाजों से पोषण के मामले में श्रेष्ठ बनाती हैं।

(ग) ‘अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ का उद्देश्य है
उचित विकल्प का चयन करें (1)
1. मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देना।
2. मोटे अनाज के प्रति जागरूकता फैलाना।
3. मोटे अनाज को मुख्य फसल घोषित करना।
4. मोटे अनाज की प्रतिष्ठा को क्षति पहुँचाना।
कूट
(i) कथन 1 और 2 सही हैं।
(ii) केवल कथन 3 सही है।
(iii) कथन 1 और 4 सही हैं।
(iv) कथन 1,2 और 4 सही हैं।
उत्तर:
(i) कथन 1 और 2 सही हैं। गद्यांश के अनुसार, वर्ष 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ घोषित करने का उद्देश्य मोटे अनाजों के प्रति जागरूकता फैलाना और उनके उत्पादन को बढ़ावा देना है।

(घ) आज मोटे अनाज अपने किन गुणों के कारण लोकप्रिय हो रहे हैं? (2)
उत्तर:
(घ) आज मोटे अनाज प्रोटीन, अमीनो अम्ल, रेशे, गुणवत्तायुक्त वसा, कैल्शियम, आयरन, जिंक, बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन जैसे पोषक तत्वों की अधिकता के कारण लोकप्रिय हो रहे हैं। ये कम संसाधनों में भी उगाए जा सकते हैं।

(ङ) कुपोषण की समस्या के समाधान में मोटे अनाजों की क्या भूमिका हो सकती है? (2)
उत्तर:
मोटे अनाजों में पोषण भरपूर होता है, जिससे शरीर की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। गद्यांश के अनुसार, मोटे अनाजों में प्रोटीन, अमीनो अम्ल, रेशे, खनिज (जैसे- कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक) और बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर के संपूर्ण पोषण के लिए आवश्यक हैं। इनके सेवन से कुपोषण की स्थिति में सुधार किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए (7)
गुलाब का फूल है
हमारा पढ़ा-लिखा
मैंने उसे काफी
उलट-पुलट कर देखा है
मुझे तो वह ऐसा ही दिखा
सबसे बड़ा सबूत
उसके गुलाब होने का यह है
कि वह गाँव में जाकर
बसने के लिए
तैयार नहीं है
गाँव में उसकी
प्रदर्शनी कौन कराएगा
वहाँ वह अपनी शोभा की
प्रशंसा किससे कराएगा
वह फूलने के बाद
किसी फसल में थोड़े ही
बदल जाता है
मूरख किसान को फूलने के बाद
फसल देने वाला ही तो भाता है
गाँव में इसलिए ठीक है
अलसी और सरसों और
तिली के फूल
जा नहीं सकते वहाँ कदापि
गुलाब और लिली के फूल
बुरा नहीं मानना चाहिए
इस गुलाब – वृत्ति का
गाँव वालों को
क्योंकि वहाँ रहना चाहिए सिर्फ ऐसे हाथ-पाँव वालों को
जो बो सकते हैं
और काट सकते हैं
कुएँ खोद सकते हैं
खाई पाट सकते हैं
और फिर भी चुपचाप
समाजवाद पर भाषण सुनकर
वोट दे सकते हैं
गुलाब के फूल को — भवानी प्रसाद मिश्र

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions

(क) प्रस्तुत कविता में किस भाव की प्रधानता है? (1)
(i) हास्य
(ii) प्राकृतिक सौंदर्य
(iii) व्यंग्य
(iv) आक्रोश
उत्तर:
(iii) व्यंग्य। प्रस्तुत कविता में व्यंग्य भाव की प्रधानता है। कवि ने पढ़े-लिखे, सुविधा-संपन्न लोगों की गाँव से दूरी और उनके कर्महीन जीवन पर व्यंग्य करते हुए ‘गुलाब’ के माध्यम से उनकी असंवेदनशीलता और ग्रामीण जीवन से कटाव को उजागर किया है।

(ख) ‘गुलाब’ किसका प्रतीक है? (1)
(i) शहर के पढ़े-लिखे नौजवानों का।
(ii) शहर के वातावरण का।
(iii) शहर की ज़िंदगी का।
(iv) शहर की सुविधाओं का।
उत्तर:
(i) शहर के पढ़े-लिखे नौजवानों का। प्रस्तुत काव्यांश में ‘गुलाब’ उन पढ़े-लिखे व्यक्तियों का प्रतीक है, जो केवल अपनी शोभा, प्रतिष्ठा और प्रशंसा के लिए जीते हैं, लेकिन गाँव जैसे परिश्रम-प्रधान स्थान पर रहना या वहाँ योगदान देना उन्हें स्वीकार नहीं होता।

(ग) निम्नलिखित कथन और कारण पर विचार करते हुए उपयुक्त विकल्प का चयन कर लिखिए (1)
उत्तर:
(iv) कथन सही है, किंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है। ‘बुरा नहीं मानना चाहिए, इस गुलाब वृत्ति का’ यह कथन व्यंग्यात्मक रूप में सही है, लेकिन यह कहना कि वह बचपन से शहर में पला-बढ़ा है, इस वृत्ति की सही व्याख्या नहीं है। इसका वास्तविक कारण उसका आत्मकेन्द्रित, सुविधाभोगी स्वभाव होना है।

कथन बुरा नहीं मानना चाहिए, इस गुलाब-वृत्ति का।
कारण वह बचपन से शहर में ही पला-बढ़ा है।
कूट
(i) कथन गलत है, किंतु कारण सही है।
(ii) कथन और कारण दोनों गलत हैं।
(iii) कथन सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है।
(iv) कथन सही है, किंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है।

(घ) गुलाब गाँव में जाकर बसने के लिए क्यों तैयार नहीं है? (2)
उत्तर:
काव्यांश के अनुसार, गुलाब गाँव में बसने को तैयार नहीं, क्योंकि वहाँ उसे अपनी शोभा प्रदर्शित करने या प्रशंसा पाने का कोई माध्यम नहीं मिलता। वहाँ उसके लिए न मंच है, न दर्शक। वह केवल दिखावा चाहता है, मेहनत या उपयोगिता नही

(ङ) कविता के आधार पर लिखिए कि किसान को किस तरह के फूल भाते हैं और व्यों? (2)
उत्तर:
किसान को अलसी, सरसों और तिली जैसे फूल भाते हैं, क्योंकि ये फूलने के बाद फसल में बदल जाते हैं और अन्न, तेल या अन्य उपयोगी चीजें देते हैं। किसान के लिए उपयोगिता ही प्राथमिकता है। वह ऐसे फूलों को पसंद करता है, जो मेहनत का फल दें, केवल दिखावे वाले फूलों को नहीं।

खंड ‘ख’ (व्यावहारिक व्याकरण)

प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए (4 x 1=4)

(क) नवाब साहब ने तौलिया झाड़ा और सामने बिछा लिया। (सरल वाक्य में बदलिए)
उत्तर:
नवाब साहब ने तौलिया झाड़कर सामने बिछा लिया।

(ख) हालदार साहब को उधर से गुज़रते समय मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
उत्तर:
जब हालदार साहब डधर से गुज़रे, तब उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।

(ग) मन्नू के एक इशारे पर लड़कियाँ कक्षा से बाहर निकलकर नारे लगाने लर्गी। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
उत्तर:
मन्नू ने इशारा किया और लड़कियाँ कक्षा से बाहर निकलकर नारे लगाने लगीं।

(घ) कार्तिक आया नहीं कि बालगोबिन भगत की प्रभातियाँ शुरू हुईं। (रचना की दृष्टि से वाक्य का भेद लिखिए।
उत्तर:
रचना की दृष्टि से यह मिश्र वाक्य है।

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(ङ) सबसे बड़ी बात है कि काशी के पास उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ जैसा नायाब हीरा रहा है। (रेखांकित उपवाक्य का भेद लिखिए।
उत्तर:
रेखांकित उपवाक्य ‘कि काशी के पास उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ जैसा नायाब हीरा रहा है।’ एक संज्ञा उपवाक्य है।

प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए (4 x 1=4)

(क) पतोहू ने भगत को दुनियादारी से निवृत्त कर दिया था। (कर्मवाच्य में बदलिए)
उत्तर:
पतोहू द्वारा भगत को दुनियादारी से निवृत्त कर दिया गया।

(ख) नवाब साहब द्वारा खीरे पर मसाला छिड़का गया। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
उत्तर:
नवाब साहब ने खीरे पर मसाला छिड़का।

(ग) आओ, पेड़ की छाया में बैठें। (भाववाच्य में बदलिए)
उत्तर:
पेड़ की छाया में बैठा जाए।

(घ) मुझसे यह काम नहीं हो सकता। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
उत्तर:
मैं यह काम नहीं कर सकता।

(ङ) उद्धव द्वारा ज्ञान का उपदेश दिया गया। (वाच्य पहचानकर भेद बताइए)
उत्तर:
यह वाक्य कर्मवाच्य है।

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प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए (4 x 1=4)

(क) शीला अग्रवाल को कॉलेज वालों ने नोटिस थमा दिया।
उत्तर:
व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक।

(ख) खीरे की पनियाती फाँकें बहुत स्वादिष्ट थीं।
उत्तर:
गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, विशेष्य फाँकें

(ग) शुक्ल पक्ष में चाँद निरंतर बढ़ता है।
उत्तर:
अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, वर्तमानकाल, एकवचन. कर्ता ‘चाँद’।

(घ) उनकी अँगुलियाँ खँजड़ी पर लगातार चल रही थीं।
उत्तर:
जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्तां कारक. ‘चल रही थीं’ क्रिया का कर्ता।

(ङ) शाबाश! तुमने कितना अच्छा कार्य किया।
उत्तर:
विस्मयादिबोधक अव्यय, प्रशंसा या उत्साह भाव प्रकट करने के लिए।

प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों की रेखांकित काव्य पंक्तियों में अलंकार पहचानकर लिखिए (4×1=4)
(क) प्रीति-नदी में पाउँ न बोरयौ।
उत्तर:
रेखांकित काव्य पंक्ति में रूपक अलंकार है।

(ख) कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा
व्यर्थ धरहु धनु बान कुठारा।।
उत्तर:
रेखांकित काव्य पंक्ति में उपमा अलंकार है।

(ग) आगे नदिया पड़ी अपार, घोड़ा कैसे उतरे पार।
राणा ने सोचा इस पार, तब तक चेतक था उस पार।।
उत्तर:
रेखांकित काव्य पंक्ति में अतिशयोक्ति अलंकार है।

(घ) सिमटा हुआ संकोच है हवा की धिरकन का।
उत्तर:
यहाँ पर रूपक अलंकार है, क्योंकि संकोच की हवा की थिरकन से तुलना की गई है।

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(ङ) सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करई ककरी
उत्तर:
रेखांकित काव्य पंक्ति में उपमा अलंकार है।

खंड ‘ग’ (पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक) (30)

निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए (5 x1=5)
वही पुराना स्वर, वही पुरानी तल्लीनता। घर में पतोहू रो रही है, जिसे गाँव की स्त्रियाँ चुप कराने की कोशिश कर रही हैं, किंतु बालगोबिन भगत गाए जा रहे हैं। हाँ, गाते-गाते कभी-कभी पतोहू के नज़दीक भी जाते और रोने के बदले उत्सव मनाने को कहते। आत्मा परमात्मा के पास चली गई, विरहिनी अपने प्रेमी से जा मिली, भला इससे बढ़कर आनंद की कौन बात? मैं कभी-कभी सोचता, यह पागल तो नहीं हो गए, किंतु नहीं, वह जो कुछ कह रहे थे, उसमें उनका विश्वास बोल रहा था, वह चरम विश्वास, जो हमेशा ही मृत्यु पर विजयी होता आया है। बेटे के क्रिया-कर्म में तूल नहीं किया; पतोदू से ही आग दिलाई उसकी। किंतु ज्यों ही श्राद्ध की अवधि पूरी हो गई, पतोहू के भाई को बुलाकर उसके साथ कर दिया, यह आदेश देते हुए कि इसकी दूसरी शादी कर देना।

(क) वालगोबिन भगत जी द्वारा किया गया कौन-सा कार्य सामाजिक परंपरा के विरुद्ध था?
1. पतोहू से बेटे की चिता को आग दिलाना।
2. पतोहू को उसके भाई के साथ मायके भेजना।
3. बेटे का श्राद्ध विधि-विधान से करना।
4. बेटे की मृत्यु का उत्सव मनाना।
कूट
(i) कथन 1 और 2 सही हैं।
(ii) क्रवल कथन 3 महां है।
(iii) कथन 1 और 4 सही हैं।
(iv) कथन 2 और 3 सहीं हैं।
उत्तर:
(iii) कथन 1 और 4 सही हैं। गद्यांश के अनुसार, पतोहू से बेटे की चिता को आग दिलवाना और बेटे की मृत्यु पर शोक के स्थान पर उत्सव मनाने जैसी बातें सामाजिक परंपरा के विरुद्ध थीं।

(ख) ‘विरहिनी अपने प्रेमी से जा मिली’ इस कथन में बालगोबिन भगत के अनुसार विरहिनी कौन है?
(i) परमात्मा
(ii) आत्मा
(iii) काया
(iv) मृत्यु
उत्तर:
(ii) आत्मा गद्यांश के अनुसार, आत्मा को ‘विरहिनी’ और परमात्मा को ‘प्रेमी’ बताया गया है। भगत की दृष्टि में आत्मा का परमात्मा में मिल जाना परम आनंद है।

(ग) निम्नलिखित कथन और कारण पर विचार करते हुए उपयुक्त विकत्प का चयन कर लिखिए
कथन बालगोबिन भगत ने अपने पुत्र को मुखानिन देने का कार्य अपनी पुत्रवधू से करवाया।
कारण बालगोबिन भगत रूढ़ि विरोधी और नारी सम्मान के पक्षधर थे। कूट
(i) कथन गलत है, किंतु कारण सही है।
(ii) कथन और कारण दोनों गलत हैं।
(iii) कथन सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है।
(iv) कथन सही है, किंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(iii) कथन सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है। बालगोबिन भगत ने पतोहू से मुखाम्नि दिलवाई, क्योंकि वे रूढ़ियों का विरोध करते थे और नारी सम्मान के पक्ष में थे।

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(घ) लेखक को यह संदेह है कि बालगोबिन भगत कहीं पागल तो नहीं हो गए, क्योंकि
1. वे पतोहू को उसके भाई के साथ मायके भेज रहे थे।
2. वे रोने के बदले उत्सव मनाने को कह रहे थे।
3. वे पुत्र की मृत्यु के बाद गाए जा रहे थे।
4. वे पतोहू को चुप कराने की कोशिश कर रहे थे।
कूट
(i) कथन 1 और 2 सही हैं।
(ii) केवल कथन 3 सही है।
(iii) कथन 1 और 4 सही हैं।
(iv) कथन 2 और 3 सही हैं।
उत्तर:
(iv) कथन (2) और (3) सही हैं। बेटे की मृत्यु पर शोक के स्थान पर उत्सव मनाने की बात और उसी समय लगातार गाना गाना लेखक को असामान्य प्रतीत हुआ, इसलिए उन्हें पागलपन का संदेह हुआ।

(ङ) बेटे की मृत्यु के बाद बालगोबिन भगत अपनी बहू से क्या अपेक्षा रखते थे?
(i) वह उनकी आजीवन सेवा करे।
(ii) वह विधवा का जीवन व्यतीत करे।
(iii) वह कबीर के गीत गाया करे।
(iv) वह पुनर्विवाह कर ले।
उत्तर:
(iv) वह पुनर्विवाह कर ले। श्राद्ध के बाद उन्होने पतोहू के भाई को बुलाकर उसे उसके साथ भेज दिया और कहा कि उसकी दूसरी शादी कर दी जाए।

प्रश्न 8.
निर्धारित गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए (3×2=6)
(क) ‘नेताजी का चश्मा’ कहानी के आधार पर हालदार साहब के व्यक्तित्व का परिचय लिखिए।
उत्तर:
हालदार साहब के चरित्र की निम्न दो विशेषताएँ अत्यधिक उल्लेखनीय हैं
(i) हालदार साहब एक सहृदय तथा संवेदनशील व्यक्ति थे।
(ii) हालदार साहब सच्चे देशभक्त थे। किसी महापुरुष व देशप्रेमी का उपहास करना उन्हें अच्छा नहीं लगता था।

(ख) लेखिका मन्नू भंडारी ने अपनी माँ की तुलना धरती से क्यों की है? ‘एक कहानी यह भी’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
लेखिका मन्नू भंडारी ने अपनी माँ की तुलना धरती से इसलिए की है, क्योंकि धरती की तरह उनमें भी असीम धैर्य और सहनशक्ति थी। उन्होंने भी धरती की तरह केवल देना ही सीखा था, किसी से कुछ पाने की इच्छा नहीं रखी थी। इसलिए वह लेखिका के पिता द्वारा किए जाने वाले हर अत्याचार को अपना भाग्य तथा अपने बच्चों की उचित-अनुचित प्रत्येक माँग व हठ को अपना कर्त्तव्य समझकर अत्यंत सहजतापूर्ण स्वीकार कर लेती थीं।

(ग) ‘मेरे मालिक एक सुर बक्श दे। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।’ ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ के आधार पर बिस्मिल्ला खाँ के इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सुमधुर सुरों को सुनकर व्यक्ति इतना भाव-विभोर हो जाता है कि उसकी आँखों से आँसू निकल आते हैं। ये आँसू सच्चे मोती की तरह होते हैं। इनके निकल आने पर सुर की परीक्षा हो जाती है। बिस्मिल्ला खाँ नमाज के बाद सज़दे में खुदा से ऐसे ही सुर की माँग करते हैं। वे सुर को खुदा की नेमत (ईश्वरीय देन) मानते थे। उनके लिए सुरों से बढ़कर कोई वस्तु कीमती नहीं थी।

(घ) लेखक संस्कृति-असंस्कृति और सभ्यता-असभ्यता के भ्रमजाल में फँसे मनुष्यों से क्या प्रश्न करता है?
उत्तर:
लेखक मनुष्यों से प्रश्न करता है कि क्या आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार करना संस्कृति है? क्या उसी आधार पर निर्मित जीवन शैली सभ्यता कही जा सकती है? वह यह भी पूछता है कि जब संस्कृति कल्याण की भावना से कट जाती है, तो क्या वह असंस्कृति नहीं बन जाती? और क्या ऐसी असंस्कृति का परिणाम असभ्यता नहीं होता? लेखक इस श्रमजाल से बाहर निकलने का आग्रह करता है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए (5×1=5)
तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
यह बताने के लिए कि वह अकेला नहीं है
और यह कि फिर से गाया जा सकता है
गाया जा चुका राग
और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

(क) ‘तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला’ इस पंक्ति में ‘उसका’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है?
(i) संगतकार के लिए
(ii) संगीतकार के लिए
(iii) तबला वादक के लिए
(iv) मुख्य गायक के लिए
उत्तर:
(iv) मुख्य गायक के लिए यहाँ ‘उसका’ शब्द उस मुख्य गायक के लिए प्रयुक्त हुआ है, जिसका गला बैठने लगा है और जो मंच पर प्रमुख भूमिका निभा रहा है।

(ख) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में से किस पंक्ति से मुख्य गायक के उत्साह के क्षीण होने का पता चलता है?
सही विकल्प का चयन कीजिए
1. आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ।
2. प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ।
3. कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर।
4. उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है।
कूट
(i) कथन 1 और 2 सही हैं।
(ii) केवल कथन 3 सही है।
(iii) कथन 1 और 4 सही हैं।
(iv) कथन 2 और 3 सही हैं।
उत्तर:
(i) कथन 1 और 2 सही हैं। ‘प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ’ और ‘आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ’ दोनों पंक्तियाँ स्पष्ट करती हैं कि गायक का आत्मबल और उत्साह क्षीण हो रहे हैं।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions

(ग) निम्नलिखित कथन और कारण पर विचार करते हुए उपयुक्त विकल्प का चयन कर लिखिए कथन संगतकार की आवाज़ में एक हिचक साफ़ सुनाई देती है और वह अपनी आवाज़ को ऊँचा नहीं उठने देने की कोशिश करता है।
कारण दूसरों को सफल बनाने के लिए त्याग करना मनुष्यता होती है। संगतकार का त्याग उसकी मनुष्यता का परिचायक है।
कूट
(i) कथन गलत है, किंतु कारण सही है।
(ii) कथन और कारण दोनों गलत हैं।
(iii) कथन सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है।
(iv) कथन सही है, किंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(iii) कथन सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है। संगतकार स्वयं उभरने की अपेक्षा मुख्य गायक को सहयोग देता है, उसकी आवाज़ में हिचक और स्वर ऊँचा न करना उसका संवेदनशील त्याग है, जो मनुष्यता का उदाहरण है।

(घ) संगतकार किस प्रकार मुख्य गायक को अहसास दिलाता है कि वह अकेला नहीं है?
(i) मुख्य गायक के समान भारी स्वर में गाकर।
(ii) मुख्य गायक को प्रेरित करके।
(iii) मुख्य गायक से ऊँचे स्वर में गाकर।
(iv) मुख्य गायक के टूटते स्वर में अपना स्वर मिलाकर।
उत्तर:
(iv) मुख्य गायक के टूटते स्वर में अपना स्वर मिलाकर। संगतकार उसी समय अपना स्वर मिलाता है, जब मुख्य गायक का स्वर टूटने लगता है। यह सहयोग और सांत्वना का संकेत है।

(ङ) संगतकार के स्वर में हिचक सुनाई देने का क्या कारण है?
(i) संगतकार में आत्मविश्वास का अभाव है।
(ii) संगतकार मुख्य गायक का मान बनाए रखना चाहता है।
(iii) संगतकार को गायन में अभी प्रवीणता नहीं आई है।
(iv) संगतकार में भय और हीनता का भाव है।
उत्तर:
(ii) संगतकार मुख्य गायक का मान बनाए रखना चाहता है। काव्यांश के अनुसार, संगतकार जान-बूझकर अपनी आवाज़ को ऊँचा नहीं करता, ताकि मुख्य गायक की स्थिति कमज़ोर न दिखे। उसकी यह संवेदनशीलता त्याग और सहयोग का प्रतीक है।

प्रश्न 10.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए (3×2=6 )
(क) गोपियों को उद्धव से व्यों कहना पड्ञा-‘हरि हैं राजनीति पदि आए।’ ‘सूरदास के पद’ के आधार पर उत्तर लिखिए।
उत्तर:
जब श्रीकृष्ण ने उद्धव के द्वारा गोपियों के लिए उनके प्रेम के बदले योग का संदेश भेजा, तो गोपियों को लगा कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं। गोपियों के इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में स्पष्ट रूप से नजर आता है। आज की राजनीति में नेता जनता को उनकी मुख्य माँगों से भटकाकर किसी और मुद्दे में लगाने का प्रयास करते हैं। नेता भोली-भाली जनता को धर्म तथा जाति के नाम पर मूर्ख बनाने का कार्य कर रहे हैं। वे भारतीय जनता का भावनात्मक शोषण करते हैं।

(ख) ‘सो बिलगाउ बिहाई समाजा। न त मारे जैहतिं सब राजा।’ परशुराम जी के मुँह से ऐसा सुनकर लक्ष्मण की क्या प्रतिक्रिया रही?
उत्तर:
परशुराम जी के इस क्रोधपूर्ण वाक्य को सुनकर लक्ष्मण मुस्कुरा उठं। उन्होंन उनकी बातों को गंभीरता से न लेकर व्यंग्यपूर्ण लहजे में उत्तर दिया। लक्ष्मण ने परशुराम के क्रांध का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि बचपन में उन्होंने बहुत-से धनुष तोड़े हैं, तब तो उन्होने इतना क्रोध नहीं किया। उन्होंने परशुराम के धनुष से ममता के कारण पर प्रश्न उठाया।

(ग) ‘उत्साह’ और ‘अट नहीं रही है’ कविताओं के आधार पर सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी के प्रकृति चित्रण का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी ने ‘उत्साह’ और ‘अट नहीं रही है’ कविताओं में प्रकृति का चित्रण आशा, नवचेतना और सौदर्य के रूप में किया है। ‘उत्साह’ में वे बादलों को गरजने, वर्षा कर तपती धरती को शीतल करने और नवजीवन देने वाला बताते हैं। यह बादल परिवर्तन और क्रांति के प्रतीक हैं। वहीं ‘अट नहीं रही है’ में फागुन के आगमन से प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य, रंगों, खुशबू और उल्लास का जीवंत चित्र खींचा गया है। कवि का मन इन दृश्यों से इतना प्रभावित है कि वह उनसे दृष्टि नहीं हटा पाता।

(घ) ‘आत्मकथ्य’ कविता के माध्यम से कवि श्री ‘जयशंकर प्रसाद जी’ के व्यक्तित्व की जो झलक मिलती है, वह उनकी ईमानदारी और साहस का प्रमाण है, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रस्तुत कविता के अंतर्गत प्रसाद जी अपने विषय में अधिक बताना पसंद नहीं करते। इसलिए जब उनके मित्रों ने उनसे आत्मकथा लिखने के लिए कहा, तो उन्होंने यह सोचकर मना कर दिया कि उनके जीवन में ऐसी कोई महान उपलब्धि नहीं है, जिससे लोग प्रेरित हों और सुख प्राप्त कर सकें। यह एक महान कवि की महानता को प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 11.
पूरक पाठ्यपुस्तक के निर्धारित पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50.60 शब्दों में लिखिए (2×4=8)
(क) ‘माता का अँचल’ पाठ में ग्राम्य संस्कृति के जिस रूप का चित्रण है, वह आधुनिक युग में पर्याप्त अंशों में परिवर्तित हो चुका है। परिवर्तित रूप से कुछ उदाहरण देते हुए इस कथन के समर्थन में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘माता का अँचल’ पाठ में चित्रित ग्राम्य संस्कृति में सामूहिकता, आत्मीयता और प्रकृति के प्रति लगाव प्रमुख थे। बच्चे पारंपरिक खेलों, लोकगीतों व पारिवारिक सान्निध्य में पलते थे, परंतु आधुनिक युग में ग्राम्य जीवन भी शहरी प्रभाव से बदल रहा है। अब गाँवों में भी मोबाइल, टीवी, इंटरनेट और सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ गया है। बच्चे मैदान छोड़कर मोबाइल में व्यस्त रहते हैं। संयुक्त परिवार टूटकर एकल हो गए हैं और आत्मीयता की जगह़ व्यस्तता ने ले ली है। परंपराएँ और संस्कार धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे हैं।

(ख) ‘यंत्रों की दुनिया ने मनुष्य को यांत्रिक व भावशून्य बनाने का कार्य किया है, जबकि यात्राएँ मनुष्य को भावशून्य होने से रोकती हैं।’ ‘साना-साना हाथ जोड़ि पाठ के आधार पर आप अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आधार पर कहा जा सकता है कि आधुनिक यंत्रों ने मनुष्य को सुविधाएँ तो दी हैं, परंतु उसे भावशून्य और एकाकी भी बना दिया है। मनुष्य मशीनों पर निर्भर होता जा रहा है, जिससे उसका संवेदनशील पक्ष धीरे-धीरे क्षीण हो रहा है। इसके विपरीत यात्राएँ मनुष्य को विभिन्न संस्कृतियों, मान्यताओं और जीवन शैली से जोड़ती हैं। लेखिका की सिक्किम यात्रा ने उसे वहाँ के लोगों की भावनाओं, आस्थाओं और कठिन जीवन स्थितियों से अवगत कराया। यात्राएँ न केवल ज्ञान देती हैं, बल्कि संवेदना और भावुकता भी जाग्रत करती हैं।

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(ग) ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर बताइए कि भीतरी विवशता क्या होती है? लेखक श्री अक्रेय जी ने इसे स्पष्ट करने के लिए किसकी चर्चा की है?
उत्तर:
रचनाकार की भीतरी विवशता ही उसे लेखन के लिए मजबूर करती है, जोकि आंतरिक अनुभूति से उत्पन्न होती है। किसी घटना का अनुभव जब बहुत गहरा होता है, तब मन में संवेदनशीलता उत्पन्न होती है और यही अनुभूति अभिव्यक्ति का आधार बनती है।
अत: बाहरी दबाव की अपेक्षा लेखन के लिए आंतरिक अनुभूति कहीं अधिक प्रभावी है। रचनाकार ने हिरोशिमा की विभीषिका को पत्थर पर उतरी मनुष्य की छाया को देखकर महसूस किया और इसी अनुभूति के घनीभूत होकर उसने हिरोशिमा पर कविता लिख दी। अनुभूति के स्तर पर जो विवशता होती है, वह बौद्धिक पकड़ से आगे की बात है।

खंड ‘घ’ (रचनात्मक लेखन) (20)

प्रश्न 12.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए (1×6=6)
(क) ऑनलाइन गेमिंग का बढ़ता जाल

  • ऑनलाइन गेमिंग क्या है?
  • बच्चों और किशोरों पर बढ़ती पकड़
  • ऑनलाइन गोमिंग के दुष्परिणाम

उत्तर:
ऑनलाइन गेमिंग का बढ़ता जाल
ऑनलाइन गेमिंग इंटरनेट के माध्यम से खेले जाने वाले ऐसे वीडियो गेम हैं, जिन्हें अकेले या दूसरों के साथ मिलकर खेला जा सकता है। तकनीकी प्रगति और स्मार्टफोन की उपलब्धता ने इसे और भी लोकप्रिय बना दिया है। आजकल बच्चे और किशोर वर्ग ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया में बुरी तरह उलझते जा रहे हैं। उनके लिए यह केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि एक लत बनती जा रही है। स्कूल से लौटते ही वे मोबाइल या कंप्यूटर पर गेम खेलने में लग जाते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई, शारीरिक गतिविधियाँ और सामाजिक व्यवहार प्रभावित होने लगता है। अधिक समय तक स्क्रीन देखने से आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और मन में चिड़चिड़ापन बढ़ता है। कुछ हिंसात्मक गेम उनके व्यवहार को आक्रामक भी बना देते हैं। अत: माता-पिता और शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों को संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा दें और ऑनलाइन गेमिंग पर समय-सीमा निर्धारित करें।

(ख) स्वस्थ जीवन शैली

  • स्वस्थ जीवन शैली की आवश्यकता
  • रवस्थ आदतें, जिनका पालन किया जाना चाहिए
  • स्वस्थ जीवन शैली के लाभ

उत्तर:
स्वस्थ जीवन शैली
स्वस्थ जीवन शैली आज के युग की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। भागदौड़ भरी ज़िंदगी, अनियमित दिनचर्या और तनावपूर्ण माहौल में यदि जीवन को संतुलित रखना है, तो स्वस्थ आदतों को अपनाना आवश्यक है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, समय पर भोजन और पर्याप्त नींद एक स्वस्थ जीवन शैली के मुख्य आधार हैं। इसके अतिरिक्त स्वच्छता का ध्यान रखना, नशे से दूर रहना और सकारात्मक सोच भी आवश्यक है। इन आदतों का पालन करने से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। व्यक्ति में ऊर्जा, आत्मविश्वास और कार्यक्षमता बनी रहती है। साथ ही बीमारियाँ दूर रहती हैं और जीवन लंबा व सुखद होता है। स्वस्थ जीवन शैली न केवल व्यक्तिगत विकास में सहायक होती है, बल्कि समाज को भी स्वस्थ और सक्षम बनाती है। अतः हमें इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहिए।

(ग) हाल ही में देखी फिल्म/नाटक की समीक्षा

  • कहानी, पात्र, संवाद, अभिनय कैसा लगा?
  • क्या वास्तविक जीवन के निकट थी?
  • क्या प्रेरणा मिली?

उत्तर:
हाल ही में देखी फ़िल्म/नाटक की समीक्षा
हाल ही में मैंने ‘ 12 वीं फेल’ फ़िल्म देखी, जो एक प्रेरणादायक और सच्ची कहानी पर आधारित है। यह फ़िल्म मनोज कुमार शर्मा नामक एक साधारण युवक की कहानी है, जो कठिन परिस्थितियों के बावजूद मेहनत और लगन से आईपीएस अधिकारी बनता है। मुख्य पात्र के रूप में विक्रांत मैसी ने अत्यंत सराहनीय अभिनय किया है। संवाद सरल, प्रभावशाली और दिल को छू जाने वाले हैं। फ़िल्म में संघर्ष, हिम्मत और ईमानदारी को बहुत ही यथार्थपरक ढंग से दिखाया गया है। इसकी कहानी वास्तविक जीवन के बहुत निकट प्रतीत होती है, जिससे आम छात्र-छात्राएँ आसानी से जुड़ सकते हैं। इस फिल्म से यह प्रेरणा मिलती है कि यदि नीयत साफ़ हो और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी मंज़िल कठिन नहीं। यह फ़िल्म शिक्षा, संघर्ष और आत्मविश्वास का सुंदर संदेश देती है।

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प्रश्न 13.
(क) आप आनंदी/आनंद हैं। अपने क्षेत्र में बिजली की कटौती से उत्पन्न समस्याओं का उल्लेख करते हुए किसी लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।(1×5=5)
अथवा
(ख) आप आनंदी/आनंद हैं। छोटे-मोटे रोगों के लिए आपकी दादी माँ द्वारा बताए गए घरेलू नुस्खों को संकलित करके आपने एक पुस्तक बनाई है, जिसका नाम आपने ‘दादी माँ के घरेलू नुस्खे’ रखा है। पुस्तक के प्रकाशन के अवसर पर अपनी दादी माँ को आमंत्रित करते हुए लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
उत्तर:
(क) परीक्षा भवन,
नई दिल्ली।
दिनांक 1 अगस्त, 20 XX
सेवा में,
संपादक महोदय,
दैनिक जागरण,
नई दिल्ली।
विषय बिजली कटौती से हो रही समस्याओं की जानकारी हेतु।
महोदय,
मैं आपके समाचार-पत्र के माध्यम से अधिकारियों का ध्यान हमारे क्षेत्र में हो रही लगातार बिजली कटौती की ओर आकर्षित करना चाहती हूँ। दिनभर में कई बार बिजली चली जाती है, जिससे छात्रों की पढ़ाई, व्यवसाय और घरेलू कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। गर्मी के कारण बुजुर्ग व बच्चों की तबीयत भी बिगड़ रही है। कृपया इस समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित करें, ताकि संबंधित विभाग शीघ्र उचित कार्रवाई करे।
सधन्यवाद।
भवदीया
आनंदी

अथवा

(ख) परीक्षा भवन, दिल्ली।
दिनांक 1 मार्च, 20 XX
आदरणीय दादी माँ
सादर प्रणाम!
आपके बताए गए घरेलू नुस्खों को मैंने संकलित कर ‘दादी माँ के घरेलू नुस्खे’ नामक एक पुस्तक तैयार की है, जो अब प्रकाशित हो रही है। इस पुस्तक के प्रकाशन अवसर पर एक छोटा-सा कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें मैं आपको ससम्मान आमंत्रित करता हूँ। आपके आशीर्वाद और अनुभव के बिना यह कार्य संभव नहीं था। कार्यक्रम का आयोजन 5 मार्च को शाम 5 बजे हमारे निवास स्थान पर किया जाएगा। इस गौरवपूर्ण क्षण में आपकी उपस्थिति मेरे लिए प्रेरणा और आशीर्वाद का स्रोत होगी। कृपया कार्यक्रम में पधारकर इसे सफल और स्मरणीय बनाएँ।
आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन के इंतजार में।
आपका स्नेहकांक्षी
आनंद।

प्रश्न 14.
(क) आप प्रेरणा/प्रेरक हैं। आपने हिंदी विषय में एम. ए. किया है, साथ ही आपके पास बी. एड. की डिग्री भी है। आपके शहर के एक प्रतिष्ठित विद्यालय में हिंदी विषय के स्नातक शिक्षकों के कुछ पद रिक्त हैं। आपको उस पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए लगभग 80 शब्दों में अपना एक स्ववृत्त लेख तैयार कीजिए।(1×5=5)
अथवा
(ख) आप प्रेरणा/प्रेरक हैं। आपके क्षेत्र में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। सफाई कर्मचारी अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। नगर निगम अधिकारी को इससे अवगत कराते हुए लगभग 80 शब्दों में ई-मेल कीजिए।
उत्तर:
(क) स्ववृत्त
नाम : प्रेरणा शर्मा
पिता का नाम : रमेश शर्मा
माता का नाम : रेखा शर्मा
जन्मतिथि : 20 जुलाई, 1992
वर्तमान पता : 125 , लता विहार कॉलोनी, नई दिल्ली।
स्थायी पता : उपर्युक्त
मोबाइल नंबर : 98765X X X X
ई-मेल : prernasharma@gmail.com
शैक्षणिक योग्यताएँ
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अन्य योग्यताएँ एवं अनुभव

  • हिंदी एवं अंग्रेज़ी भाषा पर दक्षता
  • बच्चों को नाटक, कविता, भाषण आदि के माध्यम से पढ़ाने का अनुभव
  • तीन वर्ष का शिक्षण अनुभव (यदि है)
  • विद्यालयी नाट्य व भाषण प्रतियोगिताओं में मार्गदर्शन
  • शैक्षिक कार्यशालाओं में भागीदारी

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उपलब्धियाँ

  • वर्ष 2014 में राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान
  • एम.ए. हिंदी में विश्वविद्यालय टॉपर
  • प्रेरक शिक्षक’ सम्मान (2022)

संदर्भित व्यक्तियों का विवरण

  • डॉ. वीरेंद्र यादव, प्रोफेसर, राजस्थान विश्वविद्यालय
  • श्रीमती माधुरी सिन्हा, प्रधानाचार्य, आदर्श विद्या मंदिर

घोषणा
मैं सत्यनिष्ठा से यह घोषित करती हूँ कि उपर्युक्त सभी जानकारी मेरे ज्ञान के अनुसार सत्य एवं प्रामाणिक हैं।
दिनांक 1 अगस्त, 20 XX
स्थान नई दिल्ली
हस्ताक्षर प्रेरणा शर्मा

अथवा

(ख) From: prerna123@gmail.com
To : commissioner.nagarnigam@mp.gov.in
CC:
BCC:
विषय सफ़ाई व्यवस्था की गंभीर स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं प्रेरणा, वार्ड 12 , सुभाष नगर की निवासी हूँ। हमारे क्षेत्र में विगत कई सप्ताह से सफाई व्यवस्था अत्यंत खराब हो गई है। कूड़ा-कचरा समय पर नहीं उठाया जा रहा है, नालियाँ जाम हैं और सफाई कर्मचारी नियमित रूप से अनुपस्थित रहते हैं। इससे क्षेत्र में दुर्गंध फैल रही है और बीमारियाँ फैलने का खतरा बढ़ गया है।
कृपया शीघ्र आवश्यक कार्रवाई कर सफ़ाई व्यवस्था को सुचारु करवाने की कृपा करें।
सधन्यवाद।
भवदीय
प्रेरणा

प्रश्न 15.
(क) सौर ऊर्जा के प्रयोग को प्रोत्साहन देने के लिए एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में विद्युत मन्त्रालय की ओर से तैयार कीजिए। (1×4=4)
अथवा
(ख) आपके हिंदी शिक्षक/शिक्षिका का नया ‘काव्य संग्रह’ प्रकाशित हुआ है। उन्हें इस अवसर पर बधाई देते हुए लगभग 40 शब्दों में एक बधाई संदेश लिखिए।
उत्तर:
(क) सौर ऊर्जा अपनाएँ, स्वच्छ भारत बनाएँ! विद्युत मंत्रालय की ओर से एक पहल

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions 2

  • अब बिजली बचाएँ और सौर ऊर्जा से अपना घर रोशन करें।
  • यह ऊर्जा न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि आपकी जेब के लिए भी फायदेमंद है।
  • अपने घर की छतों पर सोलर पैनल लगवाएँ और बिजली के खर्च को घटाएँ।
  • आज ही सौर ऊर्जा अपनाएँ-कल को सुरक्षित बनाएँ!

विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जनहित में जारी।

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अथवा
(ख)
बधाई संदेश
दिनांक 18 मार्च, 20 XX
समय प्रात: 10:00 बजे
आदरणीय अध्यापक/अध्यापिका,
नमस्कार! आपका नया काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ। आपकी लेखनी सदैव ही प्रेरणा देती रही है। आशा करता हूँ कि यह संग्रह पाठकों को संवेदना, रस और सौदर्य का अद्भुत अनुभव देगा। आपको मेरी ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ!
क. ख. ग.
(आपका शिष्य)

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