⚙️
Welcome to NCSOLVE — National Curriculum Solver of Learning Volume Environment! Explore Free NCERT Solutions, CBSE Sample Papers, and AI Tools! Empowering Education Worldwide with Advanced AI Technology! Access Cultural Insights, AI-Based Learning, and Free Hidden Books! Prepare for NEET, JEE, UPSC, and Other Competitive Exams with Exclusive Resources! Learn Smarter, Faster, and Better with NCSOLVE Today!

Select Class

Ads 🛡️

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 with Solutions - #NCSOLVE 📚

0

Students can access the CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi with Solutions and marking scheme Set 9 will help students in understanding the difficulty level of the exam.

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi Course A Set 9 with Solutions

समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश
निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका सख्ती से अनुपालन कीजिए।

  • इस प्रश्न पत्र में चार खंड हैं- क, ख, ग और घ
  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 15 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रश्न पत्र में आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
  • प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए।

खंड ‘क’ (अपठित बोध) (14 अंक)

इस खंड में अपठित गद्यांश व काव्यांश से संबंधित तीन बहुविकल्पीय (1 × 3 = 3) और दो अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक (2 × 2 = 4) प्रश्न दिए गए हैं।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर लिखिए। (7)
जीवन में सफल वही होता है, जो उपयुक्त चुनाव करना जानता है। चुनाव करने में तनिक भी भूल चूक होने से हानि सुनिश्चित होती है। कुछ चुनाव हमारे वश में नहीं होते; जैसे- माता-पिता का जन्म-मृत्यु का आदि, किंतु कुछ चुनाव हमारे वश में होते हैं, जिन पर हमारी सफलता-असफलता निर्भर करती है; जैसे-अच्छी-बुरी संगति का चुनाव, आलस्य और परिश्रम का चुनाव आदि । संगति का चुनाव इन सब चुनावों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस चुनाव पर हमारा आचरण, कर्म, विचार, भाषा, स्तर, मनुष्यता और हमारी सफलता-असफलता निर्भर करती है। मनुष्य का चित्त बुराइयों और बुरे लोगों की ओर जल्दी आकृष्ट होता है। जिस तरह पानी सदा नीचे की ओर जाता है, उसी तरह मनुष्य का मन भी बुराइयों की ओर शीघ्र भागता है। जिस प्रकार ऊँचाई तक जाने में कष्ट उठाना पड़ता है, उसी प्रकार अच्छाई की ओर जाने में परिश्रम करना पड़ता है। हम विवेक से काम लेकर अच्छे और बुरे का चुनाव कर सकते हैं और इसी विवेक के आधार पर जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि संगति मनुष्य को सद्मार्ग की ओर अग्रसर करती है।

संगति व्यक्ति को उच्च सामाजिक स्तर प्रदान करती है, विकास के लिए सुमार्ग की ओर प्रेरित करती है, बड़ी से बड़ी कठिनाइयों का सफलतापूर्वक सामना करने की शक्ति प्रदान करती है और सबसे बढ़कर व्यक्ति को स्वाभिमान प्रदान करती है। संगति के प्रभाव से पापी पुण्यात्मा और दुराचारी हो जाते हैं। ऋषियों की संगति के प्रभाव से ही वाल्मीकि जैसे भयानक डाकू महान कवि बन गए तथा अंगुलिमाल ने महात्मा बुद्ध की संगति में आने से हत्या, लूटपाट के कार्य को छोड़कर सदाचार के मार्ग को अपनाया। संगति एक प्राण वायु है, जिसके संसर्ग मात्र से मनुष्य सदाचरण का पालन करने वाला तथा दयावान, विनम्र, परोपकारी एवं ज्ञानवान बन जाता है।

(क) ‘संगति के विषय में नीचे दिए गए तथ्यों में से कौन-सा तथ्य असत्य है? (1)
(i) संगति के प्रभाव से दुष्ट व्यक्ति भी सदाचारी बन सकता है।
(ii) संगति मनुष्य को सामाजिक और नैतिक ऊँचाई प्रदान करती है।
(iii) संगति से मनुष्य बिना किसी परिश्रम के महान बन सकता है।
(iv) संगति जीवन को सद्मार्ग की ओर ले जाने वाली प्राणवायु है।
उत्तर:
(iii) संगति से मनुष्य बिना किसी परिश्रम के महान बन सकता है।
गद्यांश में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अच्छाई की ओर जाना कठिन है, इनके लिए परिश्रम करना पड़ता है। संगति का प्रभाव अवश्य होता है, लेकिन महानता बिना परिश्रम के नहीं मिलती है। इसलिए विकल्प (iii) असत्य है।

(ख) निम्नलिखित कथनों को पढ़कर नीचे दिए गए सही विकल्प का चयन कीजिए। (1)
जीवन में संगति का चुनाव महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि
1. इस पर हमारा आचरण निर्भर करता है।
2. इस पर हमारे कर्म निर्भर करते हैं।
3. इस पर हमारी सफलता असफलता निर्भर करती है।
4. इस पर हमारे विचार निर्भर करते हैं।
कूट
(i) केवल 2
(ii) 1 और 3
(iii) 1, 3 और 4
(iv) 1, 2, 3 और 4
उत्तर:
(iv) 1, 2, 3 और 4
जीवन में संगति का चुनाव सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसके चुनाव पर हमारा आचरण, कर्म, विचार, भाषा स्तर, मनुष्यता और हमारी सफलता-असफलता सभी निर्भर करती है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 with Solutions

(ग) कथन (A): एक सफल व्यक्ति अपने विवेक के आधार पर ही सफलता प्राप्त कर सकता है। (1)
कारण (R): अपने विवेक से ही उसे सही-गलत के चुनाव की जानकारी होती है।
कूट
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर:
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
एक सफल व्यक्ति अपने विवेक की सहायता से सही-गलते का निर्णय करके जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है। अपने विवेक से ही उसे सही-गलत के चुनाव की जानकारी होती है।

(घ) मनुष्य का मन बुराइयों की ओर क्यों आकर्षित होता है? (2)
उत्तर:
मनुष्य का मन बुराइयों की ओर इसलिए आकर्षित होता है, क्योंकि वे सरल, आकर्षक और तात्कालिक सुख देने वाली होती हैं, जबकि अच्छाई को अपनाने के लिए परिश्रम और आत्मसंयम की आवश्यकता होती है। अतः मन बिना प्रयास के बुराई की ओर झुक जाता है।

(ड) ‘संगति एक प्राण वायु है पंक्ति का आशय दो उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट कीजिए। (2)
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि जैसे प्राण वायु जीवन के लिए आवश्यक है, वैसे ही उत्तम संगति जीवन के नैतिक विकास के लिए आवश्यक है। वाल्मीकि ऋषियों की संगति में आकर डाकू से महाकवि बने। इसी प्रकार अंगुलिमाल महात्मा बुद्ध की संगति में आकर हिंसक से साधु बन गए। इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि अच्छी संगति व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा देती है, इसलिए इसे ‘प्राण वायु’ कहा गया है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर लिखिए। (7)
बिन बैसाखी अपनी शर्तों पर, मैं मदमस्त चला।
सब्जबाग को दिखा-दिखा
दुनिया रह-रह मुसकाई।
कंचन और कामिनी ने भी
अपनी छटा दिखाई।
सतरंगे जग के साँचे में, मैं न कभी ढला।।
चिनगारी पर चलते-चलते
रुका-झुका ना पल-छिन।
गिरे हुओं को रहा उठाता
गले लगाता अनुदिन।
हलाहल पीते-पीते ही मैं जीवन भर चला।
कितने बढ़े-चढ़े द्रुत चलकर
शैलशिखर श्रृंगों पर।
कितने अपनी लाश लिए
फिरते अपने कंधों पर।
सबकी अपनी अलग नियति है, है जीने की
कला।।
आँधी से जूझा करना ही
बस आता है मुझको।
पीड़ाओं के संग-संग जीना
भाता है बस मुझको।
मैं तटस्थ, जो भी जग समझे कह ले बुरा-भला।।

(क) कवि ने जीवन कैसे बिताया है? (1)
(i) कष्टों से जूझकर और पीड़ाओं को चूमकर
(ii) दुःखियों के दुःख दूर कर और निराश्रितों को आश्रय देकर
(iii) डूबते को बचाकर और भूखों को भोजन देकर
(iv) क्रांति का बिगुल बजाकर और मातृभूमि को जीवन देकर
उत्तर:
(i) कष्टों से जूझकर और पीड़ाओं को चूमकर
कवि कहता है कि उसने जीवन को कष्टों से जूझकर तथा पीड़ाओं को चूमकर बिताया है। वह हमेशा गिरते हुए व्यक्ति को उठाता रहा। उसने अपने जीवन में आई सभी विपत्तियों का साहस के साथ सामना किया।

(ख) इस कविता के केंद्रीय भाव हेतु दिए गए कथनों को पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए। (1)
1. मनुष्य को सुख-दुःख में एकसमान रहना चाहिए।
2. मनुष्य को कष्टों में अवलंब तलाश करना चाहिए।
3. मनुष्य को स्वयं को भाग्य के सहारे नहीं छोड़ना चाहिए।
4. मनुष्य को आँधियों के साथ जूझना चाहिए
कूट
(i) केवल 2
(ii) 1 और 3
(iii) 1, 3 और 4
(iv) 1, 2, 3 और 4
उत्तर:
(ii) 1 और 3
मनुष्य को सुख-दुःख में एकसमान रहना चाहिए और विपत्तियों में भी जीवन हँसकर बिताना चाहिए। कभी भी स्वयं को भाग्य के सहारे नहीं छोड़ना चाहिए।

(ग) कथन (A): वह मनुष्य सतरंगी संसार में मोहित नहीं हो सकता। (1)
कारण (R): जो अपने सिद्धान्तों से प्यार और सुख-दुःख में तटस्थ रहता है।
कूट
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर:
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
प्रस्तुत कविता के अनुसार वह मनुष्य जो सतरंगी संसार में मोहित नहीं होता है अर्थात् यहाँ के दिखावे से प्रभवित नहीं होता और अपने सिद्धांतों से प्यार करता है तथा अपने सुख-दुःख में हमेशा तटस्थ रहता है अर्थात् परिवर्तनशील नहीं होता, वह मनुष्य ही आदर्श पुरुष है।

(घ) कवि ने अपने जीवन में किसे स्थान नहीं दिया और उसे क्या रास नहीं आया? (2)
उत्तर:
कवि ने अपने जीवन में सुख और भोगों को स्थान नहीं दिया। वह हमेशा सभी परिस्थितियों में एक जैसा ही रहा। उसने अपने सिद्धांतों के अनुकूल जीवन जिया। दुःख और सुख में उसने किसी को भी अपना सहारा नहीं बनाया। अतः कवि को जीवन में सुखमय क्षणों को भोगना रास नहीं आया।

(ड) कविता का मूल भाव क्या है? इसे पढ़ते हुए आप क्या महसूस करते हैं? (2)
उत्तर:
इस कविता का मूल भाव जीवन में संघर्षरत रहते हुए दीन-दुखियों की सहायता करते हुए आगे बढ़ना है। कवि बिना किसी सहारे के जीवन की कठिनाइयों से जूझते हुए अपने पथ पर अडिग रहता है। वह भौतिक सुखों और समाज की अपेक्षाओं से प्रभावित नहीं होता। यह कविता हमें चुनौतियों में भी डटकर मुकाबला करना सिखाती है।

खंड ‘ख’ (व्यावहारिक व्याकरण) (16 अंक)

व्याकरण के लिए निर्धारित विषयों पर अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक 20 प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें से केवल 16 प्रश्नों के उत्तर देने हैं।

प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(क) जन्मी तो मध्य प्रदेश के भानपुरा गाँव में थी, लेकिन मेरी यादों का सिलसिला शुरू होता है अजमेर के ब्रह्मपुरी मोहल्ले से। (रचना के अनुसार वाक्य भेद पहचनाकर लिखिए)
(ख) ‘रीता पढ़ रही है और लिख रही है।’ इसे सरल वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
(ग) ‘रघु सड़क पर चल रहा था, उसे एक साँप दिखाई दिया।’ इसे संयुक्त वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
(घ) ‘पत्नी के बीमार होने के कारण वह कार्यालय नहीं गया।’ इसे मिश्र वाक्य में परिवर्तित कीजिए।
(ड) ‘जब आज धूप निकली तब हम खेलने के लिए गए।’ प्रस्तुत वाक्य में आश्रित उपवाक्य पहचानकर उसका भेद लिखिए।
उत्तर:
(क) प्रस्तुत पंक्ति में दो स्वतंत्र उपवाक्य हैं, इन दोनों को ‘लेकिन’ (संयोजक) शब्द द्वारा जोड़ा गया है, इसलिए यह संयुक्त वाक्य है।
(ख) रीता पढ़ते हुए लिख रही है।
(ग) रघु सड़क पर चल रहा था और उसे एक साँप दिखाई दिया।
(घ) वह इसलिए कार्यालय नहीं गया, क्योंकि उसकी पत्नी बीमार है।
(ङ) ‘जब आज धूप निकली’ यह आश्रित उपवाक्य है। यह मुल्य वाक्य के कार्य के समय को बताता है, इसलिए यह समय सूचक आश्रित उपवाक्य है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 with Solutions

प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(क) ‘शीला अग्रवाल द्वारा लेखिका के साहित्य का दायरा बढ़ाया गया।’ कर्तृवाच्य में परिवर्तित कीजिए।
(ख) ‘क्या यह पत्र तुम्हारे द्वारा लिखा गया है?’ वाच्य का प्रकार बताइए।
(ग) पुलिस द्वारा चेतावनी दी गई।’ कर्तृवाच्य में परिवर्तित कीजिए।
(घ) ‘मैं अब नहीं खा पाता।’ भाववाच्य में परिवर्तित कीजिए।
(ङ) पक्षी बाग छोड़कर नहीं उड़े।’ वाच्य को पहचानकर उसका भेद लिखिए।
उत्तर:
(क) शीला अग्रवाल ने लेखिका के साहित्य का दायरा बढ़ाया।
(ख) वाक्य में क्रिया ‘लिखा गया है’, कर्ता गौण है और कर्म प्रमुख है। अतः यह कर्मवाच्य है।
(ग) प्रस्तुत वाक्य का कर्तृवाच्य ‘पुलिस ने चेतावनी दी है।
(घ) मुझसे अब नहीं खाया जाता।
(ङ) प्रस्तुत वाक्य में क्रिया करने वाला कर्ता वाक्य में प्रमुख रूप से उपस्थित है, इसलिए यह वाक्य कर्तृवाच्य है।

प्रश्न 5.
निर्देशानुसार पद परिचय पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए। (1 × 4 = 4)
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए।
(क) एक ओर वे बेहद कोमल और संवेदनशील व्यक्ति थे।
(ख) उन्होंने मुझे इनाम में दस रुपये दिए।
(ग) दौड़कर बाज़ार चले जाओ।
(घ) समूचा गाँव खेतों में उतर पड़ा है।
(ङ) वह यहाँ अपने आप आया था।
उत्तर:
(क) संवेदनशील गुणात्मक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(ख) रुपये जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक
(ग) दौड़कर पूर्वकालिक क्रिया, रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
(घ) उतर पड़ा है अकर्मक संयुक्त क्रिया, आसन्न भूत, कर्तृवाच्य
(ङ) आप-निजवाचक सर्वनाम

प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों की रेखांकित काव्य पंक्तियों में अलंकार पहचानकर लिखिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘लखन नट आहुति सरिस भृगुवरकोप कृसानु।’
(ख) ‘एक दिन बोला यूँ पुष्प डाल से, लगते हैं कुछ हाल तुम्हारे निढ़ाल से’
(ग) “मैं बरजी कैबार तू, इतकल लेती करौटं।
पंखुरी लगे गुलाब की परि है गात खरौटं।।”
(घ) उसके रोने से सारी धरती डूब गई।
(ङ) प्रातः नभ था, बहुत गीला शंख जैसे।
उत्तर:
(क) रेखांकित काव्य पंक्ति भृगुवरकोप कृसानु’ में रूपक अलंकार है। यहाँ उपमेय व उपमान, भृगुवरकोप व कृसानु का अभेद आरोपण के कारण रूपक अलंकार है।
(ख) रेखांकित काव्य पंक्ति में पुष्प डाल से बोलने जैसी मानवीय क्रिया कर रहा है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
(ग) रेखांकित काव्य पंक्ति में गुलाब की पंखुड़ियों से चोट लगने की बात कही गई है, जो कि असंभव है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
(घ) रेखांकित काव्य पंक्ति में व्यक्ति के रोने को इस हद तक बढ़ाकर कहा गया है कि पूरी धरती डूब गई, जो वास्तविकता से परे है। इसलिए इस पंक्ति में अतिशयोक्ति अलंकार है।
(ङ) रेखांकित काव्य पंक्ति में उपमा अलंकार है। यहाँ आकाश (नभ) को गीले शंख के समान बताया गया है।

खंड ‘ग’ (पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक) (30 अंक)

इस खंड में पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
आज़ाद हिंद फौज के मुकदमे का सिलसिला था। सभी कॉलिजों, स्कूलों, दुकानों के लिए हड़ताल का आह्वान था। जो जो नहीं कर रहे थे, छात्रों का एक बहुत बड़ा समूह वहाँ जा जाकर हड़ताल करवा रहा था। शाम को अजमेर के सभी विद्यार्थी वर्ग चौपड़ (मुख्य बाज़ार का चौराहा) पर इकट्ठा हुए और फिर हुई भाषणबाजी। इस बीच पिताजी के एक निहायत दकियानूसी मित्र ने घर आकर अच्छी तरह पिताजी की लू उतारी, “अरे! उस मन्नू की तो मत मारी गई है, पर भंडारी जी आपको क्या हुआ? ठीक है, आपने लड़कियों को आजादी दी, पर देखते आप, , जाने कैसे-कैसे उल्टे-सीधे लड़कों के साथ हड़तालें करवाती हुड़दंग मचाती फिर रही है वह हमारे आपके घरों की लड़कियों को शोभा देता है यह सब ? कोई मान-मर्यादा, इज्जत आबरू का ख्याल भी रह गया है आपको या नहीं?

(क) कथन (A): आज़ाद हिंद फौज के मुकदमे का सिलसिला था।
कारण (R): अध्यापकों का बड़ा समूह हड़तालें करवा रहा था।
(i) कथन (A) गलत हैं, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं।
उत्तर:
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
गद्यांश में आज़ाद हिंद फौज के मुकदमे के सिलसिले के विषय में बताया गया है, जहाँ छात्रों का बड़ा समूह हड़तालें करवा रहा था न कि अध्यापकों का।

(ख) ‘लेखिका के पिता के मित्र को लेखिका के विषय में पता चला’ कथन के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए
1. लेखिका अध्यापकों के साथ नारे लगाती है।
2. लेखिका लड़कों के साथ हड़तालें करवाती है।
3. लेखिका लड़कों के साथ हुड़दंग मचाती है।
4. लेखिका भाषणबाजी से दूर रहती है।
कूट
(i) 1 और 2
(ii) 1 और 3
(iii) 2 और 3
(iv) 3 और 4
उत्तर:
(iii) 2 और 3
लेखिका के पिता के मित्र को लेखिका का लड़कों के साथ मिलकर हड़ताले करवाना व हुड़दंग मचाने के विषय में पता चलता है, जिससे वे इसी घटना की शिकायत लेखिका के पिता से करते हैं।

(ग) लेखिका ने पिता के मित्र को किस ‘शब्द’ से संबोधित किया?
1. आंदोलनकारी विचारधारा वाले व्यक्ति
2. निहायत संग्रामी विचारधारा वाले व्यक्ति
3. भाषण देने वाले व्यक्ति
4. निहायत दकियानूसी स्वभाव के व्यक्ति
कूट
(i) केवल 1
(ii) केवल 2
(iii) 2 और 3
(iv) केवल 4
उत्तर:
(iv) केवल 4
लेखिका ने पिता के मित्र को ‘निहायत दकियानूसी’ कहा है, क्योंकि उन्होंने घर जाकर पिताजी को लेखिका के विषय में नकारात्मक बातें कहीं।

(घ) “अरे उस मन्नू की तो मत मारी गई है।” प्रस्तुत कथन में वक्ता और श्रोता क्रमशः हैं
(i) पिताजी-पिताजी के मित्र
(ii) प्रिंसिपल-पिताजी
(iii) अध्यापक-पिताजी
(iv) पिताजी के मित्र-पिताजी
उत्तर:
(iv) पिताजी के मित्र पिताजी
प्रस्तुत गद्यांश में पिताजी के दकियानूसी मित्र मन्नू के हड़तालें कराने आदि के विषय में मन्नू के पिताजी को बता रहे हैं।

(ङ) लेखिका के पिता के मित्र द्वारा लेखिका की जो छवि उसके पिता के सामने प्रस्तुत की गई, वह मुख्यतः किस सामाजिक पूर्वाग्रह को उजागर करती है?
(i) लेखिका की राजनीतिक सक्रियता
(ii) स्त्री स्वतंत्रता के प्रति असहिष्णुता
(iii) पारंपरिक स्त्री भूमिकाओं की स्वीकृति
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ii) स्त्री स्वतंत्रता के प्रति असहिष्णुता
लेखिका के पिता के मित्र ने लेखिका को “उल्टे-सीधे लड़कों के साथ हड़तालें करवाती हुड़दंग मचाती” कहकर स्त्रियों की स्वतंत्रता के प्रति एक नकारात्मक दृष्टिकोण रखा, जो स्त्रियों की स्वतंत्रता भागीदारी को अनुचित मानने वाले सामाजिक पूर्वग्रह को दर्शाता है।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 with Solutions

प्रश्न 8.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) पाठ ‘बालगोबिन भगत’ में अपने पुत्र की मृत्यु पर बालगोबिन के व्यवहार से आप क्या समझते हैं? उन्होंने पुत्र की मृत्यु होने पर उसे गले से क्यों नहीं लगाया?
उत्तरः
बालगोबिन भगत अपने इकलौते पुत्र से बहुत प्यार करते थे। उन्होंने एक सुशील लड़की से अपने पुत्र का विवाह किया। जब बीमारी के कारण उसकी मृत्यु हो गई, तो उन्हें इसका दुःख तो बहुत हुआ, किंतु उस दुःख को दिल से नहीं लगाया। उसे ईश्वर की इच्छा मानकर स्वीकार कर लिया। उनके अनुसार, आत्मा परमात्मा से जा मिली है, इसलिए दुःख नहीं, उत्सव मनाना चाहिए। इसी विचारधारा के कारण उन्होंने अपना दुःख व्यक्त नहीं किया और पुत्र को गले से नहीं लगाया।

(ख) नवाब साहब ने खीरा क्यों नहीं खाया और खीरे से उन्हें संतोष कैसे मिला? ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
नवाब साहब ने खीरे की फाँकों में जीरा- नमक लगाया, उन पर थोड़ी मिर्च डाली और उसके बाद उन्होंने सूंघ सूंघकर उन फाँकों को एक-एक करके ट्रेन की खिड़की से बाहर फेंक दिया, क्योंकि लेखक ने खीरे को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया था। खीरे को न खाने पर भी केवल उसे सूँघ लेने से ही नवाब साहब को परम संतुष्टि हो गई। इसी कारण खीरा न खाने पर भी उनकी ओर से ‘डकार’ का शब्द सुनाई दिया।

(ग) ‘शारीरिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो कैप्टन लँगड़ा है, परंतु असली लँगड़ा पानवाला है। आपके विचार से असली लँगड़ा कौन है? ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
शारीरिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो कैप्टन लँगड़ा है, परंतु ‘असली लँगड़ा’ पानवाला है। कैप्टन की विकलांगता ईश्वर प्रदत्त है, वह देशभक्तों के प्रति सम्मान की भावना रखता है तथा देशभक्ति जैसे महत्त्वपूर्ण मूल्य का निर्वाह भी करता है, परंतु पानवाले के मन में देशभक्ति की भावना नहीं है। वह एक अस्वस्थ तथा संवेदनहीन मानसिकता का परिचय देते हुए देशभक्तों का उपहास करता है। मेरे विचार से असली लँगड़ा ‘पानवाला’ ही है।

(घ) “मेरे मालिक सुर बख्श दे सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।”
‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ के आधार पर बिस्मिल्ला खाँ के इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
सुमधुर सुरों को सुनकर व्यक्ति इतना भाव-विभोर हो जाता है कि उसकी आँखों से आँसू निकल आते हैं। ये आँसू सच्चे मोती की तरह होते हैं। इनके निकल आने पर सुर की परीक्षा हो जाती है। बिस्मिल्ला खाँ नमाज के बाद सजदे में ख़ुदा से ऐसे ही सुर की माँग करते हैं, वे सुर को खुदा की देन मानते थे। उनके लिए सुरों से बढ़कर कोई चीज़ कीमती नहीं थी।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
मधुप गुन-गुनाकर कह जाता कौन कहानी यह अपनी,
मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ देखो कितनी आज घनी।
इस गंभीर अनंत-नीलिमा में असंख्य जीवन-इतिहास
यह लो करते ही रहते हैं अपना व्यंग्य-मलिन उपहास
तब भी कहते हो कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती।
तुम सुनकर सुख पाओगे देखोगे यह गागर रीती।
किंतु कहीं ऐसा न हो कि तुम ही खाली करने वाले-
अपने को समझो, मेरा रस ले अपनी भरने वाले।

(क) प्रस्तुत काव्यांश में क्रमशः कौन किसके द्वारा अपनी कथा का उल्लेख करता है?
(i) भौरें-कवि
(ii) कवि-भौर
(iii) कवि-तितली
(iv) कवि-आकाश
उत्तर:
(ii) कवि-भरें
प्रस्तुत पद्यांश में कवि भौरे के माध्यम से अपनी कथा का उल्लेख करता हैं। कवि कहता है कि मन रूपी भौंरा गुन-गुनाकर अपनी कहानी कहता प्रतीत होता है।

(ख) ‘कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती’ प्रस्तुत पंक्ति में किस स्थिति की ओर संकेत किया गया है? सही विकल्प का चयन कीजिए।
1. कवि का अपने जीवन का गुणगान करने की ओर
2. कवि का अपने मन के खालीपन को बताने की ओर
3. कवि का अपने जीवन की कमजोरियों व कमियों को बताने की ओर
4. कवि का अपने पक्षों की विषय में बताने की ओर
कूट
(i) केवल 3
(ii) 1 और 2
(iii) 3 और 4
(iv) 2 और 3
उत्तर:
(i) केवल 3
‘कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती’ पंक्ति में कवि ने अपने जीवन की कमजोरियों व कमियों को बताने की ओर संकेत किया है।

(ग) कवि ने अपने मन को किसके समान बताया है?
(i) समुद्र के समान
(ii) खाली गागर के समान
(iii) प्रकृति के समान
(iv) दुर्बलता के समान
उत्तर:
(ii) खाली गागर के समान
कवि ने अपने मन को खाली गागर के समान बताया है, जिसमें जल अर्थात् भाव नहीं हैं।

(घ) कवि के अनुसार, उसके खाली जीवन को देखकर किसे सुख प्राप्त होगा?
(i) पुत्र को
(ii) समाज को
(iii) मित्रों को
(iv) पत्नी को
उत्तर:
(iii) मित्रों को।
कवि के अनुसार, उसके खाली जीवन को देखकर उसके मित्रों को सुख प्राप्त होगा अर्थात् उसके खालीपन को देखकर उसके मित्र स्वयं को तृप्त करेंगे।

(ड) कथन (A): कवि संसार को नश्वर मानते हैं।
कारण (R): कवि के जीवन की खुशियाँ उसका साथ छोड़कर चली गई हैं।
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(iv) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
उत्तर:
(i) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
कवि संसार को नश्वर मानते हैं, क्योंकि कवि के जीवन की खुशियाँ उसका साथ छोड़कर चली गई हैं।

प्रश्न 10.
कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) गोपियों को कृष्ण से क्यों कहना पड़ा “राज धरम तो यह ‘सूर’, जो प्रजा ने जाहि सताए”। ‘सूरदास के पद’ के आधार पर उत्तर लिखिए।
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति में गोपियाँ कृष्ण को यह स्मरण कराती हैं कि प्रजा को सताना या उन पर अत्याचार करना राजधर्म नहीं है। वे इस माध्यम से कृष्ण से आग्रह करती हैं कि वे स्वयं गोपियों से मिलने के लिए उनके पास आएँ और उनकी विरह व्यथा को दूर करें।

(ख) ‘उत्साह’ कविता के आधार पर कवि निराला के क्रांति और सामाजिक कुरीतियों के प्रति दृष्टिकोण का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
‘उत्साह’ एक प्रतीकात्मक कविता है, जिसमें कवि निराला ने बादलों के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों का विरोध करने का संदेश दिया है। उनका मानना है कि समाज में परिवर्तन केवल क्रांति के माध्यम से ही लाया जा सकता है।

(ग) संगतकार द्वारा स्थायी को सँभाल रखने की तुलना किन-किन बातों से की गई है, ‘संगतकार’ काव्य के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संगतकार द्वारा स्थायी को सँभाले रखने की तुलना मुख्य गायक के गायन के उपरांत पीछे छूटे हुए सामान को समेटने से की गई है, क्योंकि सुरों के साथ उसके सामान को सँभालना वह अपना दायित्व समझता है। इसके अतिरिक्त उसकी तुलना किसी नौसिखिए अर्थात् नए-नए सीखने वाले के सुरों में होने वाले भटकाव की याद दिलाने वाले से की है, जो उसके भटकाव को दूर करने में उसकी सहायता करते थे।

(घ) ‘क्रोध से बात और अधिक बिगड़ जाती है।’ राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद कविता के आलोक में इस कथन की पुष्टि कीजिए और वाद-विवाद से किन परिस्थितियों में बचा जा सकता था।
उत्तर:
‘क्रोध से बात और अधिक बिगड़ जाती है।’ राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद कविता के आलोक में यह कथन बिल्कुल सत्य है परशुराम के अत्यधिक क्रोध करने के कारण सभा में तनाव का वातावरण उत्पन्न हो गया। यदि परशुराम स्वयंवर में आकर पहले कारण को सुनते और समझते तथा क्रोध नहीं करते, तो बात बिगड़ती नहीं और उनमें तथा लक्ष्मण के बीच इतना वाद-विवाद नहीं होता।

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 with Solutions

प्रश्न 11.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए। (4 × 2 = 8)
(क) पहाड़ों पर पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों का जीवन अधिक कठिनाइयों से भरा है। उन कठिनाइयों का निवारण वे कर्तव्यपरायणता से ही करती हैं पाठ ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ के आधार पर सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पहाड़ों पर पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों का जीवन अधिक कठिनाइयों से भरा होता है, क्योंकि घरेलू ज़िम्मेदारियों का भार भी स्त्रियों को ही वहन करना पड़ता है। घर के लिए पीने के पानी का प्रबंध करना, खाना बनाने के लिए ईंधन इकट्ठा करना, मवेशियों को चराना आदि कार्य स्त्रियों को ही करने पड़ते हैं। अपने परिवार की आर्थिक सहायता के लिए वे सड़कें बनाने जैसा दुसाध्य कार्य भी करती हैं। वे इन सभी कठिनाइयों का निवारण अत्यंत कर्त्तव्यपरायणता से करती हैं। ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ में पहाड़ी क्षेत्रों के कारण पहाड़ों को काटकर रास्ता बनाना पड़ता है। औरतें पत्थरों पर बैठकर पत्थरों को तोड़ती हैं, उनके हाथ में कुदाल व हथौड़े होते हैं। कई स्त्रियों की पीठ पर बँधी टोकरी में उनके बच्चे बँधे रहते हैं और वे उनके साथ ही काम करती रहती हैं स्पष्टतः पहाड़ों पर पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों का जीवन अधिक कठिनाइयों से भरा है।

(ख) ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर बताइए कि तत्कालीन व वर्तमान ग्रामीण संस्कृति में आपको क्या परिवर्तन दिखाई देते हैं तथा इन्होंने हमारे मूल्यों को कितना प्रभावित किया है?
उत्तर:
‘माता का अंचल’ उपन्यास में तीस के दशक की ग्राम्य संस्कृति का वर्णन किया गया है, जिसमें लोगों के बीच में भाईचारा, सहयोग और आपसी प्रेम था। बच्चे अपने परिवार के सदस्यों से अत्यंत घुले-मिले रहते थे। आज की ग्रामीण संस्कृति में अनेक परिवर्तन दिखाई देते हैं; जैसे- सादगी का स्थान चकाचौंध और बनावटीपन ने ले लिया है, व्यवहार और बातचीत में सादगी के स्थान पर चालाकी तथा धूर्तता आ गई है। सुख-दुःख में परिवार के सदस्य पहले की भाँति एकसाथ एकत्र नहीं हो पाते हैं। अब संबंधों में भी अपनापन नहीं रहा है, उनमें धन और स्वार्थ आ गया है। इन परिवर्तनों ने हमारे मूल्यों को अत्यधिक प्रभावित किया है। अब लोगों के बीच वह आत्मीयता, प्रेम, सहयोग नहीं दिखाई देता, जो तत्कालीन संबंधों में दिखाई देता था।

(ग) जापान में जब हिरोशिमा और उस अस्पताल को देखा जहाँ रेडियम पदार्थ से आहत लोग वर्षों से कष्ट पा रहे थे, उन्हें देखकर यह प्रत्यक्ष अनुभव हुआ कि अनुभव से अनुभूति गहरी चीज है। ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर प्रस्तुत कथन के विषय में अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
एक बार लेखक ने जापान जाने पर हिरोशिमा के उस अस्पताल को भी देखा, जहाँ रेडियोधर्मी पदार्थ से आहत लोग वर्षों से कष्ट पा रहे थे। तब उसे उनकी पीड़ा का प्रत्यक्ष अनुभव हुआ। उसे लगा कि लेखक के लिए अनुभव से अनुभूति गहरी चीज़ है यही कारण है कि हिरोशिमा में सब देखकर भी उसने तत्काल कुछ नहीं लिखा। फिर एक दिन उसने वहीं सड़क पर घूमते हुए देखा कि एक जले हुए पत्थर पर एक मानव की लंबी उजली छाया है। उसकी समझ में आया कि विस्फोट के समय कोई वहाँ खड़ा रहा होगा और विस्फोट से बिखरे हुए रेडियोधर्मी पदार्थ की किरणों ने उसे भाप बनाकर उड़ा दिया होगा। यह देखकर उसे लगा कि समूची ट्रेजडी जैसे पत्थर पर लिखी गई है। अणु विस्फोट के वे क्षण उसके मन में साकार हो उठें।

खंड ‘घ’ (रचनात्मक लेखन) (20 अंक)

इस खंड में रचनात्मक लेखन पर आधारित प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए। (6 × 1 = 6)
(क) सिकुड़ते वन बिगड़ता पर्यावरण
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • वनों का महत्त्व
  • सिकुड़ते वन
  • पर्यावरण पर प्रभाव

उत्तर:
(क) सिकुड़ते वन बिगड़ता पर्यावरण
आज विश्व में विकास की अंधी दौड़ में बड़ी तेजी से वनों को काटा जा रहा है, जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। इसी कारण पृथ्वी पर जीवों के अस्तित्व के लिए खतरा बढ़ता ही जा रहा है। वनों का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। इनसे हमें जीवन रक्षक जड़ी-बूटियाँ, औषधियाँ, ईंधन आदि मिलते है। साथ ही हरे-भरे पेड़ों से हमें ऑक्सीजन मिलती है, जो जीवित रहने के लिए परम आवश्यक है। वृक्षों से पर्यावरण संतुलन बना रहता है, क्योंकि जीवों द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाइ ऑक्साइड को पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में शोषित कर लेते हैं तथा बदले में ऑक्सीजन उत्सर्जित करते हैं। दूसरी ओर जंगलों के कारण बारिश होती है। वनों के रहने से पेड़ों की जड़ें मिट्टी को बाँधने का कार्य करती हैं, जिससे भूमि कटाव तथा भू-स्खलन नहीं होता या कम होता है। आधुनिक समय में जनसंख्या वृद्धि के साथ जंगलों का कटाव बढ़ गया है। पेड़ों और जंगलों से हम अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, परंतु तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण मानव अपनी आवश्यकताओं के लिए अंधाधुंध जंगलों का विनाश कर रहा है। यही कारण है कि आज जंगलों का अस्तित्व खतरे में है।

शहरीकरण का दबाव बढ़ती आबादी और तेजी से विकास की भूख ने हमें प्रकृति से वंचित कर दिया है। जब मनुष्य ने जंगलों को काटकर बस्तियाँ बसाई थीं और खेती शुरू की, तब यह सभ्यता के विस्तार की शुरुआत थी, किंतु विकास के नाम पर मनुष्य की अपनी स्वार्थ पूर्ति के चलते जंगलों की कटाई का सिलसिला लगातार चलता रहा है। यदि जंगल नहीं बचे, तो हमारी सभ्यता का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। सिकुड़ते वनों के कारण अब हमें शुद्ध वायु, जल और धरातल मुश्किल से प्राप्त हो रहे हैं।

यह हमारे स्वास्थ्य और जीवन के लिए कष्टदायक और अवरोधक स्थिति है। वनों के अभाव के कारण विभिन्न प्रकार के जंगली जीव-जंतुओं की भारी कमी हो रही है। इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है। अंततः कहा जा सकता है कि पृथ्वी पर सभी प्राणियों का अस्तित्व बचाने के लिए पेड़-पौधों को मित्र समझकर उनकी रक्षा करना आवश्यक है। सरकार के साथ-साथ प्रत्येक नागरिक को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह अपने निजी स्वार्थ के लिए वनों का विनाश करके पर्यावरण को हानि नहीं पहुँचाएगा।

(ख) सिनेमा और युवा पीढ़ी
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • युवा पीढ़ी पर सकारात्मक प्रभाव
  • युवा पीढ़ी पर नकारात्मक प्रभाव
  • उद्देश्य प्रधान सिनेमा की आवश्यकता

उत्तर:
सिनेमा और युवा पीढ़ी
आज के आधुनिक युग में सिनेमा का हमारे जीवन में प्रभाव बहुत अधिक बढ़ गया है। फिल्में हमारे जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग बन गई हैं। बच्चे-बूढ़े सभी फिल्मों की नकल करने की कोशिश करते हैं। युवा पीढ़ी की बात की जाए, तो सिनेमा का प्रभाव उन पर सबसे अधिक पड़ता है। सिनेमा एक तरफ जहाँ हमारे जीवन पर अच्छा प्रभाव डालता है, वहीं दूसरी ओर इसका बुरा प्रभाव भी होता है। सभी फिल्में विभिन्न प्रकार के दर्शकों की रुचि को पूरा करने के लिए बनाई जाती हैं। ऐसी फिल्मों, जिनमें शिक्षाप्रद सामग्री शामिल होती है, को देखने से युवा पीढ़ी का ज्ञान बढ़ता है और उन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दूसरी ओर, फिल्में युवा पीढ़ी के लिए मनोरंजन के रूप में भी सहायक सिद्ध होती हैं। अत्यधिक सिनेमा देखना युवाओं के लिए समय की बर्बादी बन जाता है। कई युवाओं को फिल्मों की लत लग जाती है और वे अपना कीमती समय पढ़ाई के स्थान पर फिल्में देखने में नष्ट कर देते हैं।

आजकल ऐसी कई फिल्में प्रदर्शित हो रही हैं, जो अपना दुष्प्रभाव सीधा दर्शक पर छोड़ती हैं, जिनमें नए-नए फैशन दर्शकों को दिखाए जाते हैं। फिल्मों में दिखाए गए चोरी, डकैती, बलात्कार के दृश्यों से युवा पीढ़ी पर बहुत अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और देश की संस्कृति भी इससे प्रभावित होती है। सिनेमा युवा पीढ़ी की मानसिकता पर सीधा प्रभाव डालता है। कभी-कभी तो वे स्वयं को खतरे में भी डाल लेते हैं और जीवन को बर्बाद कर लेते हैं। वास्तव में, सिनेमा के कुछ लाभ हैं, तो बहुत अधिक हानि भी हैं। फिल्मों ने हमारे सामाजिक जीवन को विकृत कर दिया है। इसमें सुधार लाने के लिए सामाजिक उद्देश्य प्रधान फिल्मों के निर्माण की आवश्यकता है। फिल्मों में मनोरंजन के साथ-साथ मार्गदर्शन भी होना चाहिए। युवा पीढ़ी देश की भावी निर्माता है। उन पर फिल्मों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ऐसी फिल्मों का निर्माण होना चाहिए, जिनमें मनोरंजन और मार्गदर्शन दोनों का सम्मिलित पुट हो।

(ग) राष्ट्रीय एकता
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • महत्त्व एवं आवश्यकता
  • राष्ट्रीय एकता के अभाव के दुष्परिणाम
  • राष्ट्रीय एकता में बाधक तत्त्व

उत्तर:
राष्ट्रीय एकता
राष्ट्रीय एकता का तात्पर्य राष्ट्र के विभिन्न घटकों में परस्पर एकता, प्रेम एवं भाईचारा विद्यमान रहने से है, भले ही उनमें विचारों और आस्थाओं के आधार पर असमानता क्यों न हो। राष्ट्रीय एकता किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मानी गई है। एकता में असीम शक्ति होती है, जिस प्रकार छोटी-छोटी इकाइयाँ परस्पर संगठित होकर बलवती हो जाती हैं, उसी प्रकार एक राष्ट्र की छोटी-छोटी इकाइयाँ अर्थात् उसके नागरिक मिलकर राष्ट्र को बलवान बनाते हैं। राष्ट्रीयता के लिए भौगोलिक सीमाएँ, राजनीतिक चेतना और सांस्कृतिक एकबद्धता अनिवार्य होती है। राष्ट्र की आंतरिक शांति तथा सुव्यवस्था बनाए रखने और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्ट्रीय एकता परम आवश्यक है। यदि हम भारतवासी किसी कारणवश छिन्न-भिन्न हो गए, तो हमारी पारस्परिक फूट को देखकर अन्य देश इसका लाभ उठाने की कोशिश करेंगे। यदि हमारा देश संगठित है, तो विश्व पटल पर इसे बड़ी शक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता।

एकता तथा सामूहिक प्रयास के कारण देश सदा प्रगति के पथ पर अग्रसर रहता है। जिस प्रकार समाज, जाति या परिवार में एकता का अभाव होने से वह विखंडित हो जाता है, उसी प्रकार राष्ट्रीय एकता के अभाव में राष्ट्र खंडित हो जाता है। प्राचीन समय में हमारे देश में लोग मिल-जुलकर रहते थे, परंतु धीरे-धीरे यहाँ के लोग धर्म के नाम पर बँट गए और अपने-अपने व्यक्तिगत हितों के लिए आपस में ही लड़ने लगे। इसका है परिणाम यह हुआ कि हमें अंग्रेज़ों ने अपना गुलाम बना लिया। सबसे अधिक दुःख की बात तो यह है कि हमें गुलामी के साथ-साथ विभाजन का दर्द भी सहना पड़ा। अतः हमें अपने इतिहास से सीख लेकर अपनी राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना चाहिए, जिससे भविष्य में कोई हमारा शोषण न कर पाए । यद्यपि अंग्रेज़ों से तो हम आज़ाद हो गए हैं, परंतु अभी भी हम देख रहे हैं कि आतंकवाद, सांप्रदायिकता, क्षेत्रीयता, जातीयता, अशिक्षा आदि ने देश को आक्रांत कर रखा है। ये सभी हमारी राष्ट्रीय एकता के विकास में बाधक हैं। अतः हमें शीघ्र ही इनका समाधान करना होगा।

प्रश्न 13.
आप कंचन मिश्रा हैं। अपने क्षेत्र में बिजली वितरण की अव्यवस्था की ओर बिजली अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने हेतु दैनिक जागरण अ. ब. स. नगर के संपादक को एक समाचार प्रकाशित करने का अनुरोध करते हुए लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
अथवा
आप काव्य चौधरी हैं। आपके पिताजी के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर आपके मित्र संभव ने आपकी बहुत सहायता की तथा आपको स्थिति का सामना करने का हौसला दिया, उसे धन्यवाद देते हुए 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
परीक्षा भवन,
दिल्ली।

दिनांक 25 फरवरी, 20XX

सेवा में,
प्रधान संपादक महोदय,
दैनिक जागरण,
अ.ब.स. नगर,
दिल्ली।

विषय: विद्युत वितरण की अव्यवस्था और उससे उत्पन्न परेशानी हेतु।

महोदय,
आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से मैं अपने क्षेत्र में विद्युत वितरण की अव्यवस्था और इससे होने वाली परेशानियों के विषय में सरकार तथा संबंधित विभाग का ध्यान आकर्षित कराना चाहती हूँ। मुझे आशा है कि विषय की गंभीरता को देखते हुए आप इस पत्र को अपने समाचार-पत्र में अवश्य ही प्रकाशित करेंगे। आजकल हमारे शहर में विद्युत वितरण विभाग की ओर से बिजली की अत्यधिक कटौती की जा रही है। दिन में कटौती के साथ-साथ रात्रि में भी कटौती की जा रही है। इस गर्मी के मौसम में बिजली की इस प्रकार की जाने वाली कटौती जन-जीवन के लिए संकट उत्पन्न कर रही है। विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख उद्योग, व्यापारिक संस्थान तथा विद्यार्थी इससे बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। मेरा प्रदेश सरकार तथा विद्युत विभाग के अधिकारियों से विनम्र अनुरोध है कि समस्या की गंभीरता को देखते हुए विद्युत आपूर्ति नियमित कराने का प्रबंध किया जाए, ताकि क्षेत्रवासियों को इस भयंकर गर्मी से राहत मिल सके।

धन्यवाद।

भवदीया
कंचन मिश्रा

अथवा

परीक्षा भवन,
दिल्ली।

दिनांक 12 जुलाई, 20XX

प्रिय मित्र संभव,
सप्रेम नमस्कार!
मित्र कल ही मुझे तुम्हारा पत्र मिला पत्र पढ़कर पता चला कि तुम मेरे पिताजी के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित हो । मित्र, पिताजी का स्वास्थ्य अब पहले से बेहतर हैं और वे धीरे-धीरे दुर्घटना के प्रभाव से उबर रहे हैं। अकस्मात् ही सड़क दुर्घटना में पिताजी को गंभीर चोट लगने से मेरे और मेरे परिवार के ऊपर विपत्तियों का पहाड़ ही टूट पड़ा था। उस समय तुमने मेरे साथ अस्पताल में रुककर मेरी बहुत सहायता की और मुझे इस कठिन वक्त का सामना करने की हिम्मत दी। तुम्हारे साथ के कारण ही मैं पिताजी की उचित देखभाल कर सका। इस विपत्ति के समय साथ देकर तुमने यह सिद्ध कर दिया कि ‘तुम मेरे सच्चे मित्र हो। मैं हृदय से तुम्हारा आभार प्रकट करता हूँ। भविष्य में यदि मैं तुम्हारे कुछ काम आ सकूँ तो मुझे बड़ी खुशी होगी। घर के सभी बड़ों को मेरा प्रणाम।

तुम्हारा मित्र
काव्य चौधरी

प्रश्न 14.
आप प्रतिभा शर्मा हैं। आपके पास समाजशास्त्र, मनोविज्ञान व इतिहास विषयों में स्नातक की डिग्री है तथा कंप्यूटर का ज्ञान, वाद-विवाद व आशुभाषण प्रतियोगिताओं में पुरस्कार प्राप्त करने का अनुभव है। समाजसेवा में भी सक्रिय हैं। आँगनबाड़ी में सहायिका पद के लिए आवेदन करने हेतु अपना स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। (5)
अथवा
आप जितेंद्र त्यागी हैं। आप शिपिंग कंपनी से सामान भेजने के लिए जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। इस संदर्भ में लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर:
स्ववृत्त
नाम : प्रतिभा शर्मा
पिता का नाम : विराज शर्मा
माता का नाम : साक्षी शर्मा
जन्म तिथि : 5 जुलाई, 19XX
वर्तमान पता : मकान नंबर 32, शिवाजी नगर,
स्थायी पता : अ- 69, सूर्या कॉलोनी, अजमेर (राजस्थान)
दूरभाष नंबर : 0140-56283XX
मोबाइल नंबर : 8867XXXXX
ई-मेल : 17pratibha@gmail.com
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 with Solutions Q14
अन्य संबंधित योग्यताएँ

  • कंप्यूटर का ज्ञान
  • डे–कैंपों व ओवर-नाइट कैंपों के आयोजन का अनुभव
  • राजस्थानी भाषा का विशेष ज्ञान

उपलब्धियाँ

  • वाद-विवाद राज्य स्तरीय प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार, 2013
  • आशुभाषण प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर पर (द्वितीय पुरस्कार), 2016

कार्योत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ

  • समाजसेविका के रूप में कार्यरत्
  • अनाथ आश्रमों व मदर टेरेसा होम का नियमित अंतराल पर दौरा
  • समाचार पत्र का नियमित पठन

संदर्भित व्यक्तियों का विवरण

  • श्री गणेश लाल चौधरी, सरपंच ग्राम तिलोनिया
  • श्रीमती रीता मल्होत्रा, प्रिंसिपल डी.ए.वी. कॉलेज, अजमेर

उद्घोषणा मैं यह पुष्टि करती हूँ कि मेरे द्वारा दी गई उपयुक्त जानकारी पूर्णरूप से सत्य है।

तिथि 7.10.20XX
स्थान अजमेर
प्रतिभा शर्मा
(हस्ताक्षर)

अथवा

From : Jitendra@gmail.com
To : M.Indiashiping@gmail.com
CC : abc@gmail.com
BCC : –

विषय शिपिंग कंपनी से सामान के संबंध में पूछताछ हेतु।

महोदय,
हमें ओमान (तुर्की अथवा टर्की) स्थित अपने ग्राहक को पीतल के गुलदस्ते भेजते हैं। कृपया आप ओमान के लिए माल को लेकर जाने वाले अपने अगले जहाज़ का नाम और कार्गो प्राप्त करने की अंतिम तारीख की सूचना भेजें।

गुलदस्ते गत्ते के 16 डिब्बों (कार्टन) में पैक किए जाएँगे, जिनका माप 3 × 2 × 1 फीट 1/2 होगा और प्रत्येक डिब्बे का वज़न लगभग 12.50 किग्रा होगा।
अपने भाड़े का भी उल्लेख करते हुए पत्र का उत्तर शीघ्र दें।

धन्यवाद।

भवदीय
हस्ताक्षर……
(जितेंद्र त्यागी)

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 with Solutions

प्रश्न 15.
आपके शहर में होली के अवसर पर हास्य कवि सम्मेलन होने वाला है। इसके लिए आर्य समाज की ओर से लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
अथवा
आप अमाया सिंघल हैं। आपके मित्र ने तैराकी में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है, इसके लिए लगभग 40 शब्दों में मित्र को शुभकामना संदेश लिखिए।
उत्तर:
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 with Solutions Q15
अथवा

तैराकी में प्रथम आने पर शुभकामना संदेश

दिनांक 10 जनवरी, 20XX
समय 9:00 बजे प्रात:

प्रिय मित्र,
कल शाम टी. वी. में तुम्हें देखा व तुम्हारी उपलब्धि के विषय में पता चला कि तैराकी में तुम्हें प्रथम आने पर स्वर्ण पदक मिला है और ओलंपिक में भी तुम्हारा चयन हो गया है। देखकर मन प्रसन्न हो गया। तुम्हारी मेहनत रंग लाई। आगे चलकर तुम देश का नाम खूब रोशन करोगे, मुझे पूरा विश्वास है तुम्हें व तुम्हारे परिवार को मेरी व मेरे माता-पिता की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ।

तुम्हारी मित्र
अमाया सिंघल

The post CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 with Solutions appeared first on Learn CBSE.



📚 NCsolve - Your Global Education Partner 🌍

Empowering Students with AI-Driven Learning Solutions

Welcome to NCsolve — your trusted educational platform designed to support students worldwide. Whether you're preparing for Class 10, Class 11, or Class 12, NCsolve offers a wide range of learning resources powered by AI Education.

Our platform is committed to providing detailed solutions, effective study techniques, and reliable content to help you achieve academic success. With our AI-driven tools, you can now access personalized study guides, practice tests, and interactive learning experiences from anywhere in the world.

🔎 Why Choose NCsolve?

At NCsolve, we believe in smart learning. Our platform offers:

  • ✅ AI-powered solutions for faster and accurate learning.
  • ✅ Step-by-step NCERT Solutions for all subjects.
  • ✅ Access to Sample Papers and Previous Year Questions.
  • ✅ Detailed explanations to strengthen your concepts.
  • ✅ Regular updates on exams, syllabus changes, and study tips.
  • ✅ Support for students worldwide with multi-language content.

🌐 Explore Our Websites:

🔹 ncsolve.blogspot.com
🔹 ncsolve-global.blogspot.com
🔹 edu-ai.blogspot.com

📲 Connect With Us:

👍 Facebook: NCsolve
📧 Email: ncsolve@yopmail.com

#NCsolve #EducationForAll #AIeducation #WorldWideLearning #Class10 #Class11 #Class12 #BoardExams #StudySmart #CBSE #ICSE #SamplePapers #NCERTSolutions #ExamTips #SuccessWithNCsolve #GlobalEducation

Post a Comment

0Comments

😇 WHAT'S YOUR DOUBT DEAR ☕️

🌎 YOU'RE BEST 🏆

Post a Comment (0)